बस्ती जनपद में बढ़ रहे सब्जियों के दाम ने सीधा असर ग्राहकों के जेबों पर डाला है। पहले जहां सब्जियों का दाम भारी बारिश के बाद बढ़ा करते थे, लेकिन इस बार बिना भारी बारिश के ही सब्जियों का दाम आसमान छू रहे है। जिससे न सिर्फ ग्राहक बल्कि सब्जी व्यवसाई भी काफ़ी प्रभावित हो रहे हैं। उसी का नतीज़ा है कि सब्जी के दुकानों पर सन्नाटा छाया हुआ है,इक्का दुक्का ही ग्राहक सब्जी की खरीददारी करते हुए देखे जा सकते हैं। मध्यम वर्ग जहां पहले से ही महंगाई की मार झेल रहा था वही तापमान की तरह बढ़े सब्जियों के दाम ने लोगों के माथों पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। सब्जी व्यवसाई ने बताया कि बारिश के पहले ही जब सब्जियों का ये हाल है तो फिर भारी बारिश के बाद क्या होगा, सब्जि खा पाना मुश्किल है। पहले टमाटर का भाव जहां मण्डी में 15-20 रुपए प्रति किलो था, तो वही अब मण्डी में ही 60 रुपया केजी हो गया है। जिसको फुटकर में हम लोग 120 प्रति किलो के हिसाब से बेच रहे हैं। वही इस समय अदरक मण्डी में 150 रूपए और फुटकर में 200, आलू 10 रूपए और फुटकर 20 में है इसी प्रकार अन्य सभी सब्जियों के दाम भी डबल हो गया है।सब्जी व्यवसाई अमन ने बताया की सब्जियों के भाव डबल हो जाने की वजह से ग्राहकों ने दुकान से एकदम से दूरी बना ली है। इक्का दुक्का दुकानदार अगर आते भी हैं, तो वो लोग पहले के हिसाब से सब्जियों की खरीददारी नही कर रहे हैं। चुकी सब्जी ही हम लोगों का खानदानी पेशा है, तो लिहाज़ा हम लोग दूसरा बिजनेस कर ही नहीं सकते, इसलिए मण्डी से भारी भाव देकर सब्जी लेकर आते हैं जिसमें से पहले ही कुछ खराब निकल जाता है और फिर सब्जी न बिक पाने के कारण रखे रखे ही सड़ जा रहा है। जिससे लागत भी निकल पाना मुश्किल हो गया है यही दिक्कत लगभग सभी सब्जी व्यवसाईयों के साथ है। वही सब्जी खरीदने आए ग्राहक अलोक ने बताया की मिडिल क्लास पहले से ही महंगाई की मार झेल रहा है लेकिन अब बढ़े सब्जियों के दाम ने पूरे घर का बजट ही बिगाड़ दिया है। महीने की आय तो निश्चित है लेकिन खर्च बढ़ता ही जा रहा है। ऐसा लगता है कि अब घर पर सब्जियां भी उगानी पड़ेगी या बिना सब्जियों के ही खाना होगा।
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