वर्षों पुराने पीपल के पेड़ के शाखाओं के बीच से निकला शिवलिंग।

बस्ती जनपद के कुदरहा विकास खण्ड क्षेत्र स्थित बाबा झारखंडेश्वर महादेव शिव मंदिर का इतिहास 4 सौ वर्ष से भी अधिक पुराना है। पीपल के पेड़ से बीच से निकले महादेव तीन तरफ से पीपल के शाखाओं के बीच से शिवलिंग निकला है। मान्यता है की यहां श्रद्धालुओ द्वारा जो भी मुराद मांगी जाती है, वो पूरी जरूर होती है, बताया जाता है कि भगवान श्री राम एक रात रुके थे भगवान श्रीराम ने इस शिवलिंग की पूजा की थी। यहां पर साल के बारहों महीने श्रद्धालुओ का ताता लगा रहता है। कालांतर में बाबा हनुमान दास की तीसरी पीढ़ी के संत बाबा चेतन दास ग्रामीणों की सहायता से इस स्थान पर विशाल मन्दिर और यज्ञशाला का निर्माण करवाया था। पर्यटन विभाग से हारी झंडी मिलने के बाद अब इस दिव्य पौराणिक मन्दिर का कायाकल्प होने जा रहा है। जिससे श्रद्धालुओं के साथ साथ यहां पर आने वाले पर्यटकों को भी सुविधा मिल सके। सावन मास और महाशिरात्रि के दिन यहां पर हजारों भक्तों का ताता लगा रहता है। प्रदेश के कोने कोने से श्रद्धालु यहां आते हैं और बाबा झारखंडेश्वर की पूजा करते हैं। आपको बता दे की प्रशासन द्वारा मन्दिर के विकास के लिए भेजे गए बजट पर पर्यटन विभाग द्वारा हरी झंडी दे दी गई है,2 करोड़ 92 लाख 2 हज़ार की लागत से इस पौराणिक मन्दिर का कायाकल्प किया जाएगा। जिसकी पहली बजट भी रिलीज कर दी गई है। निकाय चुनाव के बाद इस मन्दिर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
स्थानीय नागरिक बताते हैं कि हमारे पूर्वज बताया करते थे की जब भगवान राम माता सीता से विवाह उपरान्त जनकपुर से वापस आ रहे थे तो वो यही मंदिर परिसर में आकार बाबा झारखंडेश्वर की पूजन अर्चन के बाद यहां पर विश्राम भी किए थे।मन्दिर के पुजारी सुरेश चन्द्र गिरि ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा की मुझे बहुत खुशी है कि अब इस मन्दिर का जीर्णोद्धार होने जा रहा है, अब यहां आने वाले श्रद्धालुओं के बैठने ठहरने की भी व्यवस्था हो सकेगी।


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