कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के साउथ जोन अंतर्गत आने वाली बर्रा थाना पुलिस ने नाबालिंग लड़की के साथ हुई गैंग रेप की घटना पर ऐसी कार्रवाई की हैं कि हाईटेक पुलिसिंग के मानों सारे रिकार्ड ही ध्वस्त कर दिए हो, बता दें कि उत्तर प्रदेश की हाईटेक पुलिस अब एफआईआर तो कंप्यूटर से दर्ज़ करती है लेक़िन धाराए एफआईआर की कॉपी में अपना पेन चलाकर बढ़ा देती है। सिर्फ़ इतना ही नहीं पीड़िता और उसके परिजनों की माने तो गैंगरेप की घटना क़ो छुपाने के लिए पुलिस ने नाबालिंग छात्रा क़ो पहले धमकाया फ़िर भी पीड़ित परीजनों के अड़े रहने पर बर्रा थाना पुलिस ने अपने पेन से एफआईआर में धाराए बढ़ाकर पीड़ित परिजनों क़ो गुमराह कर दिया और चोरी छिपे गैंग रेप के कुछ आरोपियों क़ो अरेस्ट कर छेडछाड़ की मामूली धाराओं में दिखाकर कोर्ट में पेस कर दिया। कानपुर में एक नाबालिग छात्रा के साथ गैंग रेप होने के बाद पुलिस का ऐसा कारनामा सामने आया है, जिसने पुलिस की कारगुजारी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में एक नाबालिग छात्रा जो अपनी सहेली के घर से किताब लेकर लौट रही थी, उसी दौरान उसको मोहल्ले के चार लड़के उठा ले जाते हैं। 2 दिन तक छात्रा क़ो अनजान जगह पर रखकर उसके साथ गैंगरेप करते है। फ़िर अपने अन्य दोस्तों से भी छात्रा का रेप कराने के साथ साथ वीडियों भी बनवाते हैं। इधर पीड़ित लड़की की मां बर्रा थाने में बीती 14 तारीख की रात को ही गुमशुदगी की सूचना लेकर पहुंची। जिसके बाद पुलिस युवती को ढूंढने में लग जाती है और ख़ोज निकालती है। वहीं छात्रा के अनुसार मोहल्ले के ही विकास राजपूत, सिद्धार्थ, प्रिंस और ऋषि उसे कार से उठाकर ले गए थे। आरोपियों को जब पता चला की पुलिस उन्हे खोज रही है। तो बदमाशो ने बीते 16 तारीख को उसे सड़क पर छोड़ दिया और भाग निकले। पीड़ित लड़की के अनुसार रेप के बाद उसके कपड़े खून से सन गए थे। इसलिए मुझे नहलाकर आरोपी लड़का अपने कपड़े पहनाकर सड़क पर छोड़कर कर भाग जाता है। इस दौरान लड़की को पुलिस सड़क से बरामद करके थाने ले आती है। जहा थाने में पीड़िता ने अपने साथ हुई दरिंदगी की सारी कहानी पुलिस क़ो बया की, लेकिन पुलिस ने कार्यवाई करने की जगह छात्रा क़ो ही धमकी दे कर मामले को रफा दफा करने में जुट गई। साथ ही पीड़िता को नसीहत दी कि कोई पूंछे तो कह देना कि हम खिचड़ी खाने गए थे, बाकी बात किसी को मत बताना और फ़िर बर्रा पुलिस लड़की को उसकी मां को बुलाकर सुपुर्द कर देती है। मां जब लड़की को घर में लेकर आती है तो लड़की रो-रो कर उसे सारी दास्तान बताती है। इसके बाद मां फिर लड़की को लेकर थाने जाती है। लड़की के अनुसार बर्रा पुलिस उसकी गुमशुदगी की जो एफ आई आर दर्ज की थी, उसी में अपने पेन से आईपीसी की धारा 376 बढ़ाकर पास्को लिख देती है और कहती है, तुम्हारी रेप की एफआईआर हो गई अब तुम जाओ हम कार्रवाई करेंगे। इसके बाद पुलिस ने 3 लोगों को गैंगरेप की जगह छेड़खानी की धारा में जेल भेज कर मामले को निपटा दिया।वहीं पीड़ित परिवार पुलिस को इस कार्यवाई से बिलकुल बेखबर था।लड़की और उसके घर वालों को यही पता था कि उनकी एफआईआर गैंगरेप 376 में लिखी गई है। लेकिन जब मंगलवार को लड़की के पास अदालत से बयान देने का नोटिस आया तो उसमें पता चलता है कि गैंगरेप की धारा 376 कहीं ही नहीं है। पूरा केस छेड़खानी में दर्ज किया गया। आरोपियों को भी छेड़खानी में ही जेल भेजा गया है। अब लड़की उसकी मां आरोप लगा रही हैं कि पुलिस ने आरोपियों से मिलीभगत की है। वहीं पीड़िता की माँ चैलेंज कर रही है कि अगर मेरे बेटी के साथ गैंगरेप नहीं हुआ तो उसका जो भी टेस्ट करा लीजिए सब साफ हो जाएगा। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस के करनामों की यू तो लंबी फेहरिस्त है, लेक़िन ताज़ा कारनामा बेहद हैरान कर देने वाला है। सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि योगी सरकार की सख़्त नीति के बाउजूद ऐसी हिमाकत करने की हिम्मत बर्रा इंस्पेक्टर जैसे थानेदार लाते कहां से हैं। वहीं इस पूरे मामले में एडीसीपी अंकिता शर्मा ने इस मामले में बताया की घटना में वैधानिक कार्यवाई की गई है।पुलिस ने धारा 363 और पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच के लिए FSL जांच भी कराई जा रही है। उचित वैधानिक कार्यवाई की जायेगी।
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