गड्ढामुक्त अभियान को आईना दिखा रहे गड्ढा युक्त सड़क,फोटो वायरल।

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को देश के सर्व प्रथम श्रेणी मे लाने का संकल्प साकार करने मे लगे है। जिस तरीके से उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना रहे है। लेकिन जब सरकार के लक्ष्य के दुश्मन सरकारी महकमे के जिम्मेदार कुर्सी पर बैठे जिम्मेदार अधिकारी भ्रस्टाचार के दलदल मे डूबे हो, तो वहा भला कैसे हालात सही हो सकते है। सूबे के मुखिया ने उत्तर के सभी जिले के खस्ताहाल सड़क का गड्ढामुक्त होने का बीड़ा उठाया और सख्त निर्देश दिया था, कि खस्ताहाल सड़क गड्ढामुक्त हो जाने चाहिए। बता दें कि जनपद के समस्त विकासखंड के अंतर्गत खस्ताहाल सड़क कि कुल लंबाई 3009.11 किलोमीटर का लक्ष्य था, लोक निर्माण विभाग का दावा था 100% पैच मरम्मत का कार्य हो चुका है, यानि गड्ढा वाली सड़क अब जिले में एक भी नहीं होंगी, हालाकि आप ख़ुद तस्वीरो में देखकर अंदाजा लगा सकते है किस तरह से गड्ढामुक्त किया  गया है। जिम्मेदारों ने युद्ध स्तर पर काम किया गड्ढों में मिट्टी डालकर सड़कों की गुणवत्ता सुधारने की कवायद की गयी, जिसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो वहीं ग्रामीण ही घटिया मरम्मत की पोल खोलते हुए नजर आए।वहीं प्रशासन का दावा हैं कि जिले में 551 सड़कों को गड्ढामुक्त करने का अभियान चला और दिए गए डेड लाइन में तो गड्ढामुक्त कर दिया गया, लेकिन किस तरह किया गया इसका जवाब जिम्मेदारों के पास नहीं है। जिम्मेदार अधिकारी ने लिस्ट बनाकर आल इज़ वेल का मोहर लगाकर सूबे के मुखिया को भेज दिया। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बया कर रही है मरम्मत की गयी सड़क फिर से अपने हाल पर हो गयी है सड़कों में गड्ढे या गड्ढे मे सड़क? अधिकारियों ने इतने मेहनत और लगन से काम किया कि बिना मरम्मत कराए ही आल इज़ वेल कर दिया। इससे साफ़ अंदाजा लगाया जा सकता है कि भ्रस्टाचार का ऐसा खेल खेला जा रहा है कि सरकार को भनक तक नहीं लगी और सड़क का कार्य भी हो गया। आपको बता दें कि दर्जनों बार सड़क की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीण के लोगों ने पोल खोलते हुए नजर आए कहीं ग्रामीण घटिया सड़क को लेकर प्रदर्शन करते हुए नजर आए, तो कहीं सड़कों की गिट्टियों को हाथो से उखाड़ते हुए नजर आए, जिले के कई बार आला अधिकारी मौके पर पहुचे जांच किए, लेकिन जांच में क्लीन चिट दे दिए। ये मामला विचाराधीन हैं कि आख़िर कैसे  मुख्यमंत्री का सपना साकार होगा। खस्ताहाल सड़क चंद दिनों मे पुरानी जैसे हालात हो चले एक तरफ गड्ढामुक्त हुआ, तो वहीं दूसरी तरफ सड़क मे गड्ढे बनते चले गए, गुणवत्ता और मानक को ताख पर रख गड्ढामुक्त किया गया। वहीं कुछ सड़कों पर मरम्मत और निर्माण के नाम पर जमकर हुआ भ्रस्टाचार। बता दें कि प्रांतीय खंड, निर्माण सीडी 1 और निर्माण खंड 2 से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र मे 551 मार्ग पर कार्य किया गया है। जिसमें पैच मरम्मत 1021 किया गया है। और नए सड़कों का जाल 198,प्रशासन का दावा पैच मरम्मत का कार्य 100 प्रतिशत किया जा चुका है। अब ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि सरकार के करोड़ों खर्च होने के बाद भी खस्ताहाल सड़कों की तस्वीर-तकदीर नहीं बदल पाई।शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों मे उखाड़ती हुई सड़क कोसती हुई नजर आ रहीं है। अगर बात करे तो जनपद के समस्त विकासखंड क्षेत्रों मे हुए मरम्मत के कार्य में भ्रस्टाचार भी देखा गया। अखिरकार सरकार के करोड़ों खर्च होने के बाद भी सड़क आज भी खस्ताहाल बना हुआ है। जिस तरीके से बड़े स्तर पर सड़क मरम्मत के नाम पर घोटाला किया कई घोटाले की तस्वीरें भी अधिकारियों के सामने आई फिर भी जिम्मेदार मेहरबान बने रहे।

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