कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने के लिए लखनऊ से सड़क मार्ग से गाजीपुर के जखनियां विधानसभा के सादात क्षेत्र जा रहे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्या के रामचरितमानस पर बयान और सपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह मिलने को लेकर अखिलेश यादव पर हमला बोला,कहा दगे हुए कारतूस के दम पर 2024 का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे है। इन्ही दगे कारतूस के बल पर 2022 का चुनाव लड़े और सरकार नहीं बन पाई। 2022 के चुनाव में स्वामी प्रसाद भी चुनाव हार गए। वहीं उन्होंने कहा कि बसपा की सरकार जाते हुए देख कर इनकी जो टीम घोषित हुई है, उसमें जो बड़े चेहरे दिखा रहे हैं वह लोग सत्ता के लोलुप्त लोग हैं। इस दौरान उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्या पर हमला बोलते हुए कहा कि जब बसपा सरकार में थे तो तब नहीं दिखाई दिया कि रामायण की चौपाई ग्रंथ गड़बड़ है, फिर उसके बाद रामम शरणम गच्छामि। तब राम की शरण में चले गए वही फूल माला चढ़ाने लगे 5 साल तक अपनी बेटी को सांसद ही बना लिया और अपने मंत्री बन गए तब भी दिखाई नहीं दिया, उसके बाद फिर वह दांव लगाएं जब वहां भी नहीं लगा और हार गए सरकार भी नहीं बनी और जब 10 महीने तक कोई उनका नाम लेने वाला नहीं मिला तब सोचे कि अब उलूल जूलूल ही शुरू करें तो कोई जानेगा ही। वहीं अखिलेश यादव के कार्यकारिणी की जारी लिस्ट पर कहा कि उस लिस्ट में क्या कोई गोंड़, खरवार, बारी, बंजारा, बहेलिया आदि जाति के लोग लिस्ट में नहीं हैं, इन लोगों की संख्या बहुत बड़ी है। इसी कमेटी के बल पर 2019, 2022 का चुनाव लड़े थे, क्या हुआ अब एमएलसी का चुनाव हो ही गया और नगर निकाय का चुनाव होने वाला है, रिजल्ट देख लीजिएगा क्या होगा। वहीं उन्होंने अखिलेश यादव के धार्मिक बयान को लेकर कहा कि सत्ता में रहते हैं तो मानते हैं जब मुख्यमंत्री थे तो मान रहे थे समाजवादी पार्टी जब सत्ता में रहती है तब सब धर्म मानती है और जब धर्म मानती ही नहीं है तो वह पूजा करने कहां जा रहे थे इस दौरान उन्होंने कहा कि अभी हमने देखा है कि कोई काला झंडा दिखा रहा था तो वह जा कहां रहे थे पुजवा करने, क्या गुरुद्वारा में जा रहे थे चर्च में जा रहे थे या मस्जिद में जा रहे थे सनातन धर्म को नहीं मान रहे थे तो क्या बोले थे टीवी पर। वहीं शिवपाल यादव के पार्टी में राष्ट्रीय महा सचिव बनाए जाने के सवाल पर कहा कि समाजवादी पार्टी ने यह सम्मान जरूर दिया है,लेकिन 2024 के चुनाव में यह लोग गोल लेकर ढोल बजाएं कुछ होने वाला नहीं है, विरोध में खूब चिल्लाए लेकिन हमें लग रहा है कि यह 10 साल तक ऐसे ही चिल्लायेंगे
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