निःशुल्क नेत्र परीक्षण में मौत का खेल, सपा नेता और डॉक्टर की मिलीभगत से भीड़ जुटाकर किया जाता है खेल, जिम्मेदार कौन।

ख़बर यूपी के जनपद चंदौली से है। जहां एक बड़े नेत्र हॉस्पिटल में लापरवाही सामने आई है। परिजनों का आरोप है कि सपा नेता व जिला पंचायत सदस्य अंजनी सिंह ने जनता में अपना छवि बनाने के लिए जिले के ही आनंद नेत्रालय हॉस्पिटल के डॉक्टरों से मिलकर मोतियाबिंद ऑपरेशन लेंस प्रत्यारोपण शिविर का आयोजन किया,और डॉक्टरों ने बिना परीक्षण के ही महिला का उपचार प्रारम्भ किया। जिसके कुछ ही समय बाद महिला की मौके पर ही मौत हो जाती है। बता दें कि महिला का नेत्र बनने से पूर्व ही मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों द्वारा महिला के नाक और आंख में दवा डालने के बाद महिला बेहोश हो गईं जिसके कुछ ही देर बाद महिला की मौत हो गई। सूचना पाकर परिजन हॉस्पिटल पहुंचे और दहाड़ मारकर रोने लगे। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। परिजन न्याय की मांग कर रहे है, आनंद नेत्रालय के मुख्य चिकित्सक डॉ निशांत सिंह ने इस बिषय पर कुछ भी कहने से साफ-साफ मना कर दिया। आखिर कब तक ऐसे बेगुनाहों की जाने जाती रहेगी। अब जांच के बाद पर्दाफाश होता है या नही या यह भी मामला ठंढे बस्ते में चला जाता है। वहीं इस बिषय पर सीएमओ चंदौली डॉ वाई के राय ने कहा कि मामला संज्ञान में है,जांच के लिए उच्चस्तरीय टीम गठित की गई है। इसमें जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उचित कार्रवाई की जायेगी। सीएमओ ने कहा कि कोई भी जनप्रतिनिधि या अन्य ऑथराइज्ड नहीं है कि वह कैम्प लगाए, इसके लिए हमारा एनजीओ के साथ साइन होता है, हम उसी एनजीओ को परमिशन देते है,जिसका बाकायदा हमारे यहाँ MOU साइन होता है। इसमें अन्य लोगो का कोई भी रोल नही होता है। अगर ऐसा है तो इन पहलुओ पर भी टीम जांच करेगी। इसमें जो भी विस्तृत रिपोर्ट निकलकर सामने आएंगी उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल धानापुर थाना क्षेत्र के बीरना गांव में सपा नेता व जिला पंचायत सदस्य अंजनी सिंह के नेतृत्व में आनंद नेत्रालय के द्वारा कैम्प शिविर का आयोजन किया गया। तत्पश्चात बीरना गांव से 26 लोगो का चयन हुआ और सभी लोगो का नेत्र परीक्षण के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर स्थित आनंद नेत्रालय में लाया गया। वही एक 60 वर्षीय देवी कुमारी की नेत्र परीक्षण से पूर्व ही मौत हो जाती है। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सको के द्वारा बिना जांच किए ही उनकी आंख और नाक में दवा डाल दिया गया। जिसके कुछ ही समय बाद महिला बेहोश हो गई और उसके बाद महिला की मौत हो गई। वहीं परिजनों ने कहा कि चिकित्सको के लापरवाही की वजह से महिला की मृत्यु हुई है। जब आनन्द नेत्रालय के मुख्य चिकित्सक डॉ निशांत सिंह से वार्ता की गई तो उन्होंने बाइट देने से साफ साफ मना कर दिया और कहा कि जो करना हो जहां चलाना हो चला दीजिये, मैं कुछ भी नहीं कहूंगा, तो कही न कही हॉस्पिटल की लापरवाही है जिससे बचने के लिए हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सक कुछ भी कहने से मना कर रहे हैं। परिजनों ने सपा नेता अंजनी सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिनके नेतृत्व में कैम्प शिविर का आयोजन हुआ वह अभी तक यहां दिखे नही और ना ही हाल ही जानने की जहमत उठाइ।आखिर किस वजह से पीड़ितों से मिलना भी सपा नेता ने मुनासिब नही समझा। बता दे कि जब पत्रकारों ने अंजनी सिंह से संपर्क किया तो उनको लगा कि अब मेरी भी छवि धूमिल हो सकती है, तो तत्काल पोस्टमार्टम हाउस जिला अस्पताल पहुंचे, और पीड़ित परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त किया। वही अंजनी सिंह ने कहा कि हम तो जनता की भलाई के लिए कैम्प प्रतिवर्ष लगवाते है और इस वर्ष भी यहाँ लगवाए थे, अब इसमें मेरी क्या गलती है। जबकि सीएमओ ने कहा कि किसी अन्य व्यक्ति का रोल नही होता,तो किसके कहने पर सपा नेता अंजनी सिंह ने बाकायदा पोस्टर बनवाये और सोशल मीडिया पर अपलोड किए यह भी बड़ा सवाल है। अगर अच्छे स्व जांच की जाय तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

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