ख़बर उत्तर प्रदेश के जनपद संभल से है। जहां शिक्षक विरोध करने के लिए सड़क पर उतर आए हैं। आपको बता दें नई पेंशन नीति के खिलाफ शिक्षक संघ सड़क पर उतर आया है। तमाम शिक्षकों ने नई पेंशन नीति का विरोध करते हुए सरकार से जवाब मांगा है, कि आखिर देश में दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है, जब विधायकों और सांसदों को पेंशन की सुविधा मुहैया कराई जा सकती है, तो शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है, शिक्षकों ने सीएम से इस मामले में आवश्यक कदम उठाने की मांग की है। आपको बता दें कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के बैनर तले तमाम शिक्षकों ने संभल जिले के पंवासा स्थित खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों शिक्षकों ने नई पेंशन नीति का विरोध करते हुए पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठाई शिक्षकों का कहना था, कि सरकार जबरन शिक्षकों पर नई पेंशन नीति लागू करना चाहती है, और अगर शिक्षक इसका विरोध करते हैं, तो उनका वेतन रोक दिया जा रहा है। ऐसे में शिक्षकों के सामने तमाम तरह की परेशानियां पैदा हो गई है। संगठन की जिला अध्यक्ष अमीर जहां तुर्की ने बताया कि शिक्षकों ने हमेशा से अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। उन्हें जो भी काम किया गया चाहे वह कोरोना काल हो या फिर चुनाव का समय हो सभी में शिक्षकों ने अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी के साथ पूरा किया है और आज उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। शिक्षकों पर जबरन नई पेंशन नीति थोपी जा रही है। अगर शिक्षक इसका विरोध करते हैं। तो उनके वेतन को रोका जा रहा है, जोकि सरासर गलत है। उन्होंने विधायकों और सांसदों की पेंशन को लेकर सवाल उठाए कहा कि जब सांसदों और विधायकों को पेंशन की सुविधा उपलब्ध की जा सकती है। तो शिक्षकों को क्यों नहीं आखिर शिक्षकों के साथ सरकार दोहरा मापदंड क्यों अपना रही है।आमिर जहां तुर्की ने कहा कि प्रदेश संगठन के आह्वान पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा जा रहा है,अगर आने वाली 18 जनवरी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है। तो जिला मुख्यालय पर आंदोलन किया जाएगा, अगर फिर भी हमारी बात को नहीं सुना गया तो प्रदेश स्तर पर नई योजना बनेगी और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
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