स्वास्थ्य विभाग को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक एक्शन मूड में है,लेकिन उनके ही विभाग के कर्मचारी व्यवस्थाओं को कमजोर करने में लगे हुए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में आयुष्मान हेल्थ वेलनेथ सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें एक डॉक्टर, नर्स और स्टाफ की नियुक्ति की गई है, जिससे कि ग्रामीणों को बेहतर इलाज मिल सके। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अस्पताल परिसर में बने आवासों में स्टाफ की रहने की व्यवस्था भी की गई है, जिससें कि 24 घंटे एमरजेंसी में भी जनता को इलाज की सुविधा दी जा सकें। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारी ही इन व्यवस्थाओं को ध्वस्त करने में लगे हैं। आपको बताते चलें की अस्पताल परिसर में बने आवासों में एक स्वास्थ्य कर्मचारी जो कि जनपद के 100 शैया अस्पताल में तैनात हैं,लेकिन आवास पर अपना कब्जा जमाए हुए हैं, जबकि वह आवास अस्पताल में तैनात डॉक्टर विकास गुप्ता को मिलना चाहिए था। लेकिन कब्जाधारी कर्मचारी की हठधर्मिता के कारण स्वास्थ्य विभाग उसके आगे नतमस्तक दिख रहा है, और उनसे आवास खाली कराने में अक्षम नजर आ रहा है। डॉ विकास गुप्ता जोकि खानपुर कस्बे में बने अस्पताल में डॉक्टर की पोस्ट पर कार्यरत है, उनकी तैनाती 2018 में हुई थी। जिसके बाद उन्हें अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल परिसर में बना आवास मुहैया नहीं करा पाया, जबकि अगर परिसर में बने आवास में वह रहेंगे तो इमरजेंसी सेवाओं का जनता को लाभ मिल सकेगा। उनका कहना है कि उन्होंने इस विषय में अपने उच्च अधिकारियों को लिखित रूप से कई बार अवगत कराया है, लेकिन उनके अधिकारी आवास पर किए स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी के आगे बोना नजर आ रहा है और उस आवास को खाली नहीं करा पा रहा हैं।डॉ विकास जोकि शारीरिक रूप से विकलांग है और वह आवास न मिलने के कारण अस्पताल से कई किलोमीटर दूर रहते हैं।जिससे ड्यूटी के बाद वह बड़ी परेशानी का सामना कर आते जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस परिसर का उनसे एचआरए भी सरकार द्वारा लिया जाता है। उसके बाद भी उन्हें अभी तक आवास नहीं मिल सका। फिलहाल अस्पताल में बने परिसर अवैध कब्जे के शिकार हो गए हैं। वहीं सरकार की सुविधाओं पर पलीता लगा रहे हैं। जिसमें परेशानी का सामना केवल जनता को करना पड़ रहा है।
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