कुशीनगर का स्वास्थ्य महक़मा इन दिनों लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। अभी पडरौना नगर से बी जे पी बिधायक मनीष जायसवाल द्वारा सी एम ओ के खिलाफ विधानसभा में उठाये गये मामले का पटाक्षेप भी नही हुआ था, कि एक महिला डॉक्टर ने सीएमओ पर ड्यूटी ज्वाइन कराने के नाम पर70 हजार घुस मांगने का आरोप लगाकर सनसनी मचा दी है। कुशीनगर स्वास्थ्य विभाग में पैसा लेकर स्थान्तरण सामानों की खरीद में अनियमितता और ड्यूडी ज्वाइन कराने में पैसे का खेल काफी लंबे समय से होता चला आ रहा है। जिसकी शिकायत पडरौना नगर से बीजेपी विधायक ने भी की थी और इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया था जिसकी जांच अभी चल ही है।बता दें तस्वीरों में दिखने वाली यह महिला कुशीनगर जिले के फाजिलनगर सीएचसी पर तैनात सविंदा महिला डॉक्टर स्वेता दुबे है। जिन्होंने अपने ही उच्च अधिकारी सीएमओ सुरेश पटारिया छुट्टी के बाद पुनः ड्यूटी जॉइन कराने के नाम पर 70हज़ार रुपये घुस मांगने का आरोप लगाया है। महिला डॉक्टर स्वेता दुबे ने बताया कि उनकी तबियत खराब थी, जिसके कारण वह तीन महीने ड्यूटी नही कर सकी। स्वस्थ्य होने के उपरांत जब वह ड्यूटी ज्वाइन करने के लिये सीएमओ से मिली तो सीएमओ ने एक एफिडेविट देने की बात कही और फाजिलनगर के प्रभारी चिकित्साअधिकारी को फोन कर ड्यूटी ज्वाइन कराने को कहा और इसके एवज में 70 हजार रुपयों की डिमांड की। हालांकि महिला डॉक्टर ने सेलरी कम होने का हवाला देकर 70 हजार रुपये देने से इंकार कर दिया। सविंदा महिला डॉक्टर स्वेता दुबे से फाजिलनगर सीएचसी पर 9 दिन तक ड्यूटी लेने के बाद अब उन्हें आगे की ड्यूटी करने से रोक दिया गया है। डा० स्वेता दुबे को फाजिलनगर सीएचसी प्रभारी ने सीएमओ से पुनः मिल कर ड्यूटी ज्वाइन करने की बात कही है |वहीं महिला डॉक्टर स्वेता दुबे के लगाए गए आरोप पर सीएमओ सुरेश पटारिया इसे सिरे से नकारते हुए निराधार बताते हुए कहां की सविंदा डॉक्टर बिना छुट्टी लिए और बिना जानकारी दिए अपनी ड्यूटी से अनुपस्थिति रही है। जो संविदा भर्ती नियम का उलंघन है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर सविंदा डॉक्टर तीन महीने तक बिना बताये ड्यूटी से गायब थी तो उन्हें नोटिस क्यो नही जारी किया गया,क्योंकि नियम भी यही कहता है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी या सविंदा कर्मचारी 24घँटे अपने ड्यूटी पर नही पहुंचता है, तो उसे नोटिस जारी कर इसका स्पष्टीकरण मांगा जाता है, लेकिन सीएमओ कुशीनगर सुरेश पटारिया ने तीन महीने से अनुपस्थित रही सविंदा डॉक्टर से उनकी अनुपस्थिति होने का कोई नोटिस ही नही मांगा और ना ही इस संबंध में उनसे कोई स्पष्टीकरण मांगा गया,जो पूरे मामले पर कई सवाल खड़े कर रहा है।
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