एशिया की सबसे बड़ी चीनी मिल नहीं कर रही किसानों के करोड़ों का भुगतान, भुगतान न होने पर मील बंद कर आंदोलन की दी चेतावनी।

खबर गोंडा से है। जहां एशिया की सबसे बड़ी बजाज हिंदुस्तान शुगर कुंदुरखी चीनी मिल किसानों ने खून-पसीने से तैयार किए गए, गन्ना का पैसा सालो से दबाये बैठी है। चीनी मिल बकाया भुगतान करने से कतराती हुई दिख रही है। बकाया भुगतान न होने से किसानों के लिए दिन पर दिन खेती से लेकर परिवार चलाना मुश्किल होता हुआ दिख रहा है। अब ऐसे मे यह किसान जाए तो कहा जाए। कहीं विरोध प्रदर्शन कर प्रशासन से अपने ही गन्ना का बकाया पैसे की भुगतान को लेकर सड़कों पर उतर रही है। तो कहीं खेतों मे खड़ी फसल को जला देने की बात कर रही है।वहीं किसानों ने जिलाअधिकारी से कई मांगों को लेकर ज्ञापन देकर मांग उठाई थी, कि जब तक 107 करोड़ रूपया पिछला गन्ना भुगतान मिल नहीं करेगा तब हम लोग नई पेराई सत्र की शुरुआत नहीं होने देंगे। लगातार बजाज हिंदुस्तान शुगर मिल कुंदुरखी मिल गन्ना भुगतान को लेकर विभाग विवादों में रही है। इस बार भी किसानों का भुगतान ना देने के पहले नई पेराई की शुरुआत करने जा रही है। इससे किसान आंदोलित है किसानों का कहना है कि जब तक हमारा भुगतान नहीं किया जाएगा,तब तक हम चीनी मिल को नहीं चलने देंगे और किसान अपना गन्ना चीनी मिल को न देकर बहिष्कार करेंगे।साथ ही किसानों का कहना हैं कि पिछले साल का अभी तक भुगतान नहीं कर पाई हैं, केवल आश्वासन दे रहे है। शासन- प्रशासन सब मिले हुए हैं। मुख्यमंत्री का आदेश आता है 14 दिनों में किसानों का बकाया भुगतान हो जाएगा लेकिन 14 महीनों तक किसानों का भुगतान नहीं मिल पाता। मुख्यमंत्री के आदेश का क्या बजाज चीनी मिल पर कभी कोई भी असर पड़ेगा भी या नहीं, किसान कहते है मैं पूछना चाहता हूं यह सरकार पूंजीपतियों की सरकार है या किसानों की सरकार है। आखिरकार किसानों की यह सरकार क्यों नहीं सुन रही है, हम लोगों को अपने गन्ने के भुगतान के लिए सड़क पर उतर कर आंदोलन पर क्यों उतरना पढ़ रहा है। तो वहीं एडीएम सुरेश सोनी,अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज के अध्यक्षता में चीनी मिल के अधिकारियों ने किसानों से घंटो मीटिंग की मीटिंग के बाद बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड के अधिकारियों ने बकाया 107 करोड़ रुपए में से तत्काल 5 करोड़ रुपए भुगतान करने और हर हफ्ते 5-5 करोड रुपए के बक़ाया गन्ना भुगतान की बात कही जिसके बाद किसानों ने बात मानते हुए गन्ना छिलवा कर मिल में देने को राजी हुए। साथ ही किसानों ने अभी कहा अगर चीनी मिल के अधिकारी अपनी बात से मुकर जाते हैं, तो हम लोग 10 दिसंबर को चीनी मिल पर प्रदर्शन करके पूरी तरीके से मिल बंद करवा देंगे। वहीं समझौते के बाद चीनी मिल के अधिकारियों ने राहत की सांस ली और आज से बजाज शुगर हिंदुस्तान मिल में पेराई सत्र का शुभारंभ हो हुआ। वहीं अवध केसरी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान नेता नीरज ठाकुर ने बताया कि करीब 4 घंटे किसानों की मीटिंग हुई है और यह समझौता हुआ है, कि तत्काल मिल प्रशासन द्वारा 5 करोड़ का बकाया पिछले सत्र का गन्ना भुगतान किया जा रहा है। और हर सप्ताह 5-5 करोड़ रूपए करके बकाया गन्ने का भुगतान मिल प्रशासन द्वारा किया जाएगा। अगर अपने वादे से मिल प्रशासन मुकर जाता है तो 10 दिसंबर को प्रदर्शन करके चीनी मिल को बंद करवा दिया जाएगा।वहीं बजाज हिंदुस्तान शुगर मिल कुंदुरखी के यूनिट हेड मनोज सिंह ने बताया कि अभी हम लोगों ने इसमें यह फैसला किया है कि कल दो करोड़ और 3 दिन के अंदर 3 करोड़ पेमेंट करेंगे। और आगे हम लोग चीनी बेचकर निरंतर पेमेंट करते रहेंगे। अभी करीब 107 करोड़ों रुपए पिछले सत्र का किसानों का गन्ना बकाया भुगतान बाकी है। उम्मीद है हम लोगों को कि हम लोग जनवरी तक पूरा पेमेंट कर देंगे। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि जिस तरीके से पिछले साल हज़ारों किसान चीनी मिल के रास्ते बंद कर किसानों का मूसलसल 1 महीने से ऊपर आंदोलन चला था, जिसके बाद बाद चीनी मिल प्रशासन ने किसानों को झूठा लालीपॉप देकर किसानों से आंदोलन खत्म करने की बात कही थी। जिस कारण किसानों ने बकाया भुगतान चीनी मिल प्रशासन करेंगीं, इस बात पर किसानों ने आंदोलन खत्म कर दिया था। क्या इस बार भी कुछ ऐसा ही चीनी मिल प्रशासन ने लालीपॉप किसानों को दी है। खैर अब देखने वाली बात होगी जिस तरीके से किसान अपने ही पैसे के भटक रहा है क्या उसे मिल पाएगा।

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