खाद की किल्लत से किसान परेशान।

इटावा प्रत्येक वर्ष की भांति रवी की फसल में खाद की आवश्यकता अत्यधिक होती है। गेहूं और आलू की उत्पादन में डीएपी खाद और यूरिया किसानों के लिए आवश्यक है। जनपद इटावा में किसानों को डीएपी खाद के लिए केंद्र पर चक्कर काटने पड़ रहे हैं। पिछले कई दिनों से किसान परेशान हैं।आलू और गेहूं की बुवाई रुकी हुई है। गेहूं में खाद की आवश्यकता है। लेकिन डीएपी खाद न मिलने के कारण किसान चक्कर लगा रहा है। हालांकि बड़े किसानों ने पहले से ही अपने पास खाद का स्टॉक कर लिया है। इसलिए सबसे अधिक परेशान छोटा किसान दिखाई दे रहा है। संतोषपुर अड्डा के निवासी किसान नई मंडी के केंद्र पर खाद के लिए पहुंचे हैं। खाद न मिलने से निराश हैं, उन्होंने कहा कि डीएपी खाद मिल नहीं रही है। हमे गेहूं और आलू के लिए खाद की जरूरत है, मात्र दो बोरी की आवश्यकता है। एक सप्ताह से चक्कर लगा रहे हैं। बार-बार मना कर देते हैं कि खाद नहीं है।तो वहीं ग्राम खेड़ा ही किसान खाद के लिए बहुत परेशान है, सोसाइटी पर खाद के लिए पहुंचे तो वहां पर भी खाद नहीं मिली। 3 दिन से परेशान रहे, सुबह से शाम तक बैठे रहते हैं लोग आज कल करके टाल देते हैं, लेकिन खाद नहीं मिल पा रही है। आज सेंटर पर पहुंचे तो यहां मना कर दिया गया 10 दिन से अधिक हो गए हैं गेहूं की बुवाई करनी है, यह सभी लोग खाद को ब्लैक कर देते है। वहीं इस पर सहायक निबंधक सहकारिता अधिकारी ब्रज भूषण ने बताया कि इस वर्ष खाद की सप्लाई 2908 मीट्रिक टन 1 अक्टूबर 2022 से की जा चुकी है। गत वर्ष 2745 मीट्रिक टन खाद प्राप्त हुई थी। समितियां संघ मिलाकर जनपद में 66 बिक्री केंद्र है। इस समय डीएपी खाद की जरूरत किसानों को अधिक है, रैक आने वाली है, संभवतया कुछ दिनों में खाद प्राप्त हो सकती है। समितियों पर खाद खत्म हो चुकी है। दो-तीन दिन में खाद आने की संभावना है। उच्चाधिकारियों से बात हो चुकी है। इस वर्ष 9490 मीट्रिक टन कोऑपरेटिव को खाद प्राप्त हुई है। पिछले वर्ष से इस वर्ष अधिक खाद की सप्लाई आई है, इस बार जो रैक आयेगी संभवतया उससे पूर्ति हो जाएगी।


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