जौनपुर से प्रयागराज व आजमगढ़ को जोड़ने वाला शास्त्री पुल अपने जर्जर स्थिति पर बदहाली के आंसू बहा रहा है। जहां पुल पर भारी वाहनों के आवागमन को पूर्ण रूप से वर्जित कर दिया गया है। ऐसे में जौनपुर की स्थानीय पुलिस व ट्रैफिक पुलिस के मदद से रात्रि में भारी वाहनों को पार कराया जाता है। पुलिस की तरफ से लगातार धन उगाही का काम जारी है। ऐसे में पुलिस की लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है, वहीं जौनपुर ट्रैफिक पुलिस जिलाधिकारी महोदय के आदेशो को पलीता लगाने का काम कर रही है।बता दें कि जौनपुर का शास्त्री पुल का निर्माण 1977 में कांग्रेस कि सरकार में मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में स्वर्गीय संजय गांधी के द्वारा शिलान्यास किया गया था। इस पुल की अवधि लगभग 45 वर्षों के बाद पूर्ण रूप से जर्जर हो चुका है। जहां जिला प्रशासन की लापरवाही के वजह से आम जनता व राहगीर को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।वहीं जौनपुर के शास्त्री पुल के लिए 5 करोड़ का धनराशि भी आवंटित कर दी गई है। जिसकी पहली किस्त ₹47 लाख मरम्मत के लिए सुकृति भी कर दी गई है। ऐसे में पुल निर्माण की गति तीव्र न होने के कारण जौनपुर की लोक निर्माण विभाग की कहीं ना कहीं बड़ी लापरवाही सामने दिख रही है।
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