मैनपुरी उप चुनाव का प्रचार भारतीय जनता पार्टी भी पूरी ताकत से कर रही है। जसवंत नगर विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री असीम अरुण लगातार दलित मोहल्लों में जाकर प्रचार प्रसार कर रहे हैं। लोगों को समझा रहे हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह चुनाव समाजवादी परिवारवाद और सामाजिक नीतियों की तुलना का चुनाव है। समाजवादी सरकार में दलित महापुरुषों के नाम की जनपद के नाम बदले गए, बाबा साहब के नाम के मेडिकल कॉलेज के नाम बदले गए, उनके बोर्ड को जूतों से भी कुचला गया, यह सब कुछ दलित बहिनों भाइयों को याद है। भारतीय जनता पार्टी किसी एक परिवार की पार्टी नहीं है लेकिन समाजवादी पार्टी किसकी है यह सभी जानते हैं। गरीबों को और विशेष समुदाय दलितों को मैनपुरी लोकसभा के क्षेत्र में दबाया गया है वोट डालने दिया गया है। जिसकी वजह से सपा का वोट प्रभावित हुआ, चुनाव आयोग से मेरी मांग है इतना फोर्स लगाया जाए गरीब से गरीब व्यक्ति स्वयं निकलकर वोट दें। इलेक्शन कमीशन जब निष्पक्ष वोट डलवाएगा तो मुझे विश्वास है दलित वोट स्वतंत्रता से डाल पाएगा तो परिणाम निश्चित तौर पर अलग होगा। यदि शिवपाल सिंह को ऐसा लगता है कि प्रशासनिक दबाव कार्यकर्ताओं पर है। तो वह चुनाव आयोग में जाकर शिकायत करें इलेक्शन कमिशन उसकी जांच करें। चाचा भतीजे के रिश्ते क्या होंगे यह उनका पारिवारिक मामला है। हमारी शुभकामनाएं है कि उनके रिश्ते बने रहे, राष्ट्र का भविष्य विकास से होगा सुधार से होगा। शिवपाल सिंह अपने शिष्य रघुराज सिंह पर लगातार आरोप लगा रहे हैं कि वह बिना बताए भाजपा में चला गया, इस पर कहा कि यह एक सामंतवादी सोच है, रघुराज सिंह शाक्य अपने कर्म से आगे बढ़े हैं क्षेत्र में उनके नाम और लोकप्रियता है। उन्होंने अपनी मेहनत से पाई है। जिस प्रकार जाति प्रथा का विरोध करते हैं। उसी प्रकार परिवारवाद का भी विरोध करते हैं परिवारवाद जातिवाद एक ही चीज है, चाचा भतीजे का रिश्ता क्या है यह देश का भविष्य नहीं है। मैनपुरी की जनता 5 दिसंबर को डिसाइड करेगी कि कौन किसका रिकॉर्ड तोड़ पाएगा। दलित वोट बैंक पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में है, हम लोग लगातार लोगों से मिल रहे हैं। बातचीत कर रहे हैं अनुसूचित समाज के साथ उत्पीड़न हुआ है महिलाओं के साथ अत्याचार हुए हैं, योगी की सरकार ने यह बदला है।
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