इटावा में प्रत्येक वर्ष की भांति रवि की फसल में खाद की आवश्यकता अत्यधिक होती है। गेहूं और आलू की उत्पादन से पूर्व डीएपी खाद और यूरिया किसानों के लिए आवश्यक है। जनपद इटावा में किसानों को डीएपी खाद के लिए केंद्रों पर चक्कर काटने पड़ रहे हैं 26 अक्टूबर को अंतिम बार बांटी गई खाद आज 1 नवंबर की तारीख को भी किसी भी क्रय केंद्र पर उपलब्ध नहीं है। वहीं लगातार किसान परेशान है आलू की बुवाई रुकी हुई है। गेहूं में खाद की आवश्यकता है लेकिन डीएपी खाद न मिलने के कारण किसान चक्कर लगा रहा है। हालांकि बड़े किसानों ने पहले से ही अपने पास खाद का स्टॉक कर लिया है। इसलिए सबसे अधिक परेशान छोटा किसान दिखाई पड़ रहा है। नई मंडी के केंद्र पर पहुंचे लोकासाई ग्राम पंचायत के किसान ने बताया कि वह खाद लेने के लिए आए हैं। उनको आलू में खाद डालनी है लेकिन केंद्र पर उपलब्ध नहीं है। 4 दिन के बाद खाद देने की बात कही है। आठ से 10 बीघा में आलू की पैदावार करनी है। उसके लिए खाद की जरूरत है। ब्लैक में खाद बाहर महंगी मिल रही है,अभी बंद हो गई है। केंद्र पर 1350 रुपए की कीमत है। किल्ली सुल्तानपुर से पहुंचे किसान ने भी बताया कि मेरा गांव 10 किलोमीटर की दूरी पर है। खाद लेने के लिए केंद्र पर आया हूं मुझे गेहूं की फसल के लिए खाद की आवश्यकता है। केंद्र पर खाद मना कर रहे हैं। दो दिन से लगातार यहां पर चक्कर काट रहा हूं। दस बीघा गेहूं और आलू दस बीघा में किया है। मुझे 10 बोरी खाद की ही केवल जरूरत है। वहीं सहायक निबंधक सहकारिता अधिकारी ब्रज भूषण ने बताया कि इस वर्ष खाद की सप्लाई 2908 मीट्रिक टन 1 अक्टूबर 2022 से की जा चुकी है। गत वर्ष 2745 मीट्रिक टन खाद प्राप्त हुई थी। समितियां संघ मिलाकर जनपद में 66 बिक्री केंद्र है। इस समय डीएपी खाद की जरूरत किसानों को अधिक है रैक आने वाली है, संभवतया 3 अक्टूबर को प्राप्त हो सकती है। समितियों पर खाद खत्म हो चुकी है। दो-तीन दिन में खाद आने की संभावना है। उच्चाधिकारियों से बात हो चुकी है। इस वर्ष 9490 मीट्रिक टन कोऑपरेटिव को खाद प्राप्त हुई है। पिछले वर्ष से इस वर्ष अधिक खाद की सप्लाई आई है, इस बार जो रैक आयेगी संभवतया उससे पूर्ति हो जाएगी।
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