डीएम ने रिवर रैंचिग के तहत गंगा में छोड़ी गई एक लाख 40 हजार मछली।

चंदौली में जिलाधिकारी ईसा दुहन के नेतृत्व में रिवर रैंचिग कार्यक्रम के तहत बलुआ स्थित गंगा नदी में जलीय पर्यावरण को संतुलित रखने, जैव विविधता व मत्स्य संपदा को संरक्षित करने के उद्देश्य से एक लाख 40 हजार अंगुलिका मछली छोड़ीं गई।इस मौके पर मछुआ समुदाय के लोगों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के बारे में जानकारी भी दी गई, तथा मछुआ दुर्घटना बीमा का प्रमाणपत्र भी पात्र लाभार्थियों में जिलाधिकारी द्वारा वितरित किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी खुद की सुरक्षा भूल गई और मछलियों को छोड़ने के लिए बिना लाइफ जैकेट के गंगा के बीच धारा तक नाव से गई।
वहीं इस मामले पर जिलाधिकारी ईशा दुहन ने कार्यक्रम में बताया कि मत्स्य विभाग की योजना से कमजोर वर्ग की आय में बढ़ोतरी होगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। इसके साथ ही मत्स्य बीज से जलीय प्रदूषण भी कम होगा। उन्होंने बताया कि प्रदूषण के चलते मत्स्य संपदा में गिरावट आने से जलीय जीव जंतुओं की संख्या निरंतर कम होती जा रही है।उन्होंने उपस्थित लोगों से बायोडायवर्सिटी असंतुलन पर चिंता व्यक्त करते हुए जलीय पर्यावरण में सुधार और इको-सिस्टम के प्रति सचेत रहने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि रिवर रैंचिग कार्यक्रम के माध्यम से नदियों में मत्स्य संपदा को संरक्षित करना सरकार की एक अच्छी पहल बताया। रिवर रैचिंग कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी अपनी सुरक्षा को भूल गई और बिना लाइफ जैकिट के ही गंगा के बीच धारा में नाव से मछली को छोड़ने के लिए पहुंच गए। यही नहीं उनके साथ सीडीओ ,चहनिया ब्लाक प्रमुख तथा मत्स्य विभाग के अधिकारी भी साथ रहें।

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