ख़बर गाज़ीपुर से है। जहां आज नेता के नाम से अपनी पहचान बनाकर पूर्वांचल और विशेषकर गाज़ीपुर जिले में अपनी शर्तों पर राजनीति कर सुर्खियां बटोरने वाले पूर्व चेयरमैन, जिला सहकारी बैंक, गाज़ीपुर और कभी भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता रहे अरुण सिंह छह साल् बाद एक मुकदमें में जेल से जमानत पर रिहा हुए। रिहा होकर सावन के पहले सोमवार को अपने पैतृक गांव नारी पचदेवरा पहुंचे, जहां समर्थकों और क्षेत्रवासियों ने उनका फूल माला और पगड़ी बांधकर स्वागत किया। इस मौके पर समर्थकों और क्षेत्रीय लोगों से भेंट मुलाकात की जिसके बाद गाज़ीपुर में नेता के नाम से मशहूर अरुण सिंह ने सावन के पहले दिन अपने घर पर मीडिया से बातचीत की। और कहा कि जनता के हक और हुक़ूक़ के लिए हमेशा लड़ता रहा हूँ और आगे भी लडूंगा। और चिर परिचित अंदाज में बहुत ही बेबाकी से मीडिया के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि मैं अन्याय के खिलाफ हमेशा लड़ता आया हूं और आगे भी अन्याय के खिलाफ और गरीबों के हक़ के लिए लड़ता रहूंगा।उन्होंने साफ कहा कि मुझे मुकदमों की कोई परवाह नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि मैं भारतीय जनता पार्टी का सदस्य नहीं हूं लेकिन, उसकी नीतियां अच्छी है, और भाजपा के किसी भी विपक्षी दल के लोगों से मैं भाजपा की वर्तमान नीतियों पर खुलकर चर्चा कर सकता हूं। उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान आगामी नगर पालिका परिषद चुनाव और लोकसभा चुनाव के बारे में भी अपनी राय स्पष्ट किया।
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