सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का चंदौली दौरा, योगी सरकार पर बोला हमला।

जनपद चंदौली के सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव में 1 मई को पुलिस दबिश के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में युवती की मौत के मामले में सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मनराजपुर गांव पहुंचे। यहां मृतका निशा यादव के परिजनों से उन्होंने बंद कमरे में मुलाकात की और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। इस दौरान अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। वहीं यूपी पुलिस को भी आड़े हाथों लिया। साथ ही पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के मॉनिटरिंग कराने की मांग की और पीड़ित परिवार को उचित सहायता देने के साथ-साथ कानूनी सहायता देने की भी मांग की। अखिलेश यादव ने चंदौली और ललितपुर की घटना को लेकर योगी सरकार पर जमकर हमला बोला।बता दें कि सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव में अखिलेश यादव के दौरे को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा तैयारी कर ली गई थी। वहीं मृतका निशा यादव के घर पर बैरिकेडिंग की गई थी, और 100 मीटर की दूरी पर वाहनों को रोक दिया गया था। बावजूद इसके बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता नेता मनराजपुर पहुंचे थे। जिले के अलावा वाराणसी और गाजीपुर के सपा विधायक एमएलसी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मनराजपुर पहुंचे थे। दोपहर 12:45 पर अखिलेश यादव का काफिला मनराजपुर गांव पहुंचा
अखिलेश कार से सीधे उतरकर अखिलेश यादव नेताओं से मिलते हुए निशा यादव घर में दाखिल हुए और परिजनों से बंद कमरे में लगभग 1 घंटे तक बात की और पूरे मामले की जानकारीन ली। परिजनों से बातचीत कर अखिलेश यादव बाहर निकले और मीडिया से मुखातिब हुए। बता दें कि इस पूरे मामले पर अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं परिवार से मिलकर आ रहा हूं परिवार के सदस्य दुखी हैं और तकलीफ परेशानी में है। उन्होंने अपने बेटी खोई है उसकी बहन अभी भी उस सदमे से बाहर नहीं आ पाई है। उस सदमे में इतना परेशान है कि अभी तक ठीक से उसने खाना नहीं खाया उसने। जो नर्स उसकी देखभाल कर रही है और मैंने उसके परिवार से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह बार-बार रोने लगती है और वह घटना को याद करती है। पूरे देश में ऐसी घटना नहीं हुई होगी । जहां पुलिस घर में घुस गई हो और दबिश के बहाने दबंगई की हो। यह उत्तर प्रदेश की पुलिस दबिश में नहीं जाती उत्तर प्रदेश की पुलिस लगातार दबंगई कर रही है और जानबूझकर पुलिस ने उनके पिता पर पहले मुकदमे लगाएं और राजनीतिक दबाव के कारण जिला बदर किया गया। उसके पिता को प्रशासन के लोग जबरदस्ती और जानबूझकर प्रशासन से पुलिस से मुकदमे दर्ज करा रहे हैं। उसे जिला बदर तक करा रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि पुलिस को ये अधिकार किसने दिया। यह पुलिस घर में घुसे हैं और इतनी बड़ी संख्या में है कि पुलिस और जो कोई घर में होगा उसके साथ मारपीट करेगी।जिस बेटी की जान गई है वह पुलिस की दबंगई और पुलिस की दबिश की वजह से गई है । पुलिस ने जो कारनामा करके दिखाया उसके वजह से बच्ची की जान गई है और फिर कहानी पुलिस ने बनाया की फांसी लगा ली। अगर पुलिस की कहानी में मान लो तो क्या पुलिस बताएगी घर में पहले से फांसी लगाई थी। बहन या बेटी पहले से तैयारी कर रही थी। यह पुलिस उत्तर प्रदेश की खासकर जब से ये सरकार बनी है कहानी बनाने में बहुत आगे हैं। क्या ललितपुर की घटना भूल सकता है कोई ।जिसके साथ घटना हो चार चार लोगों ने घटना की। उन्हें पुलिस ढूंढ नहीं पाई। जब बेटी वापस आई थाने में तो पुलिस ने उसके साथ ही बलात्कार कर दिया। एसो जेल जाने वाला है। इससे पहले कि मैं घटना बता सकता हूं एटा का एक पुलिस अधिकारी दबिश के बहाने घर में गया उसका पति नही मिला पत्नी मिली। पत्नी से पुलिस ने संबंध बनाए वो प्रेग्नेंट हो गई और पुलिस दबाव बनाने लगी । इसका एबार्शन कराओ लेकिन मैं कम से कम मां उस बहन का धन्यवाद करूंगा जो पुलिस के दबाव के बाद भी हटी नहीं और अन्तोगत्वा पुलिस को जेल जाना पड़ा। साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस के कारनामे कोई एक नहीं है अगर हम आकड़ो में देखें सबसे ज्यादा कस्टोडियल डेथ अगर कहीं हो रही है तो उत्तर प्रदेश में हो रही है। सबसे ज्यादा फेक एनकाउंटर अगर कहीं हो रहा है तो उत्तर प्रदेश में हो रहे हैं। सबसे ज्यादा नेशनल हुमन राइट्स से नोटिस किसी पुलिस को सरकार को मिली तो उत्तर प्रदेश सरकार को मिले हैं।  महिला आयोग से सबसे ज्यादा नोटिसेज अगर किसी सरकार को मिले तो उत्तर प्रदेश सरकार को मिली है। जो सरकार पुलिस को चुनाव जीतने के लिए जो सरकार पुलिस को एमएलसी चुनाव जिताने के लिए जो सरकार पुलिस को पंचायत चुनाव में लगा दें।  क्या उम्मीद करोगे जब पुलिस ने गलत काम सरकार कराएगी तो पुलिस को भी नहीं रोक पाएंगे उनके दबंगई को। जाति के आधार पर फैसले होते हैं। मुझे जानकारी मिली है कि सबसे ज्यादा अवैध काम गैर कानूनी काम अगर किसी थाने के माध्यम से हो रहे तो यहीं सैयदराजा से हो रहा है। कम से कम उत्तर प्रदेश की सरकार को जगना चाहिए और बिहार के सरकार को भी जगना चाहिए । अगर शराब का अवैध कारोबार अगर किसी के माध्यम से हो रहा है तो इसी थाने के माध्यम से रहा था और फिर जाति के आधार पर पोस्टिंग। मुझे सूची नहीं मिली है किस थाने में किस तरह के लोग पोस्ट हुए होंगे मुझे वह समय याद है जब समाजवादी की सरकार थी प्रदेश के गवर्नर बार बार तो कहते थे कि जांच के आधार पर पोस्टिंग होती है। बीजेपी के लोग लगातार यह कहते थे कि जांच के आधार पर काम हो रहा है मैं जानना चाहता हूं भारतीय जनता पार्टी की सरकार में किस तरीके से जांच के आधार पर काम नहीं हो रहा है। मुझे सूची नहीं मिली यहां के जो लोग हमारे पत्रकार साथी होंगे वह जरूर जानते होंगे । किस तरीके से अपने जनप्रतिनिधि को खुश करने के लिए जनप्रतिनिधि के दबाव में किस की पोस्टिंग होनी है, किसको कहां बैठाना है,किसको कहां फसाना है, किसको किस जांच में ले जाना है। यह तरीका उत्तर प्रदेश की सरकार अपना रहि है। अब तो कमाल हो गया मुख्यमंत्री जी कल ही कह रहे थे रामराज्य आ गया। मुख्यमंत्री ललितपुर में कह रहे थे रामराज्य आ गया है। जहां पर उन्हीं के सरकार के पुलिस के एक अधिकारी ने बलात्कार कर दिया हो। मुख्यमंत्रियों जिले में जाकर कहे के रामराज्य आ गया। जिस जिले में बेटी के साथ उनकी सरकार में उनके पुलिस के अधिकारी ने बलात्कार कर दिया हो। मुख्यमंत्री जी से चर्चा की गई हो तो अधिकारी बना लूट रहे हैं, भ्रष्टाचार कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री जी अपने जनप्रतिनिधियों से कहते हैं आप पहले अधिकारियों को कहते हैं क्या पहले दलाली रोक लो इन अधिकारियों को मैं सुधार दूंगा सोचो नई सरकार बनी हो जनता ने दोबारा मौका दिया हो मुख्यमंत्री खुद महसूस कर रहे हो कि उनके जनप्रतिनिधि दलाली कर रहे हैं, और वह न केवल दलालों को ठीक करने का कह रहे हैं। जबकि यह कह रहे है कि अधिकारियों को सुधार दूंगा। मैं जानना चाहता हूं यह सरकार जो बुलडोजर लेकर घूम रही है बताये ललितपुर के थाने मैं बुलडोजर कब चलेगा और 4 जिन पुलिस के लोगों ने जान ली है बेटी की उनको घरों पर बुलडोजर कब चलेगा ।
बता दें कि मृतका निशा यादव के पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण पर्सनल हैंगिंग आइ है। इस सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा पुलिस कोई भी कहानी बना सकती है पुलिस कितना भी ट्विस्ट कर सकती है पुलिस। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि जहां परिवार की सुरक्षा हो उनको सुरक्षा मिलनी चाहिए। क्योंकि पुलिस से ही खतरा है इस परिवार को। दूसरा हाईकोर्ट की निगरानी में जांच हो। हमें सरकारी जांच पर भरोसा नहीं है। हाई कोर्ट के माननीय जज सिटिंग जज अगर जांच करेंगे उनकी निगरानी में जांच होगी तो उनके परिवार को न्याय मिल सकता है। यह सरकार वह है जो कुछ भी कर सकती है। कोई भी रिपोर्ट बदलवा सकती है। अब तो बेटी का दाह संस्कार हो गया अब क्या दोबारा जांच कर पाएगा कोई । क्या हमने आपने हाथरस कांड नहीं देखा । जबरदस्ती प्रशासन ने पुलिस ने मिलकर के उस बेटी का दाह संस्कार रात में ही करा दिया था।आखिरकार यह भी परिवार भी जानता होगा इतनी जल्दी क्या थी। क्या बेटी खुद हैंग कर लेगी जब उसकी इतनी पिटाई हो उसकी पीठ पर मार के निशान है। क्या हैंग करने वाला इंसान खुद मार लेगा। इसलिए इनकी जांच पर हमें भरोसा नहीं है। पुलिस कोई भी करनामा कर सकती। उत्तर प्रदेश की पुलिस जब थाने में बलात्कार हो जाए । फिरोजाबाद में दबिश के बहाने पुलिस गयी जान ले ली एक महिला की। अभी बैंक डकैती हो गई कई जगह सूचना मिली। पुलिस डकैतों से मिली है ऐसा हो सकता है। यहां की पुलिस मिली हो शराब कारोबारियों से बालू के माफियाओं से हमें पुलिस पर भरोसा नहीं है ।

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