उत्तर प्रदेश के जनपद बागपत से है। जहां भड़ल गांव में वर्षों से चल रही चर्म शोधन इकाई को एनजीटी के आदेश पर हटवाने राजस्व विभाग की टीम सहित पुलिस बल गांव में पहुंचा। जिसके बाद गांव में चर्म शोधन इकाई को हटवाने का कार्य शुरु किया गया। जिसके बाद ईकाई संचालकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। लोगों ने पुलिस फोर्स व एनजीटी टीम पर इकाई संचालको ने जमकर पथराव किया। जिसमें कई पुलिसकर्मी चोटिल भी हो गए। जेसीबी मशीन के शीशे भी तोड़ दिए गए। विरोध के बाद टीम को पीछे हटना पड़ा। सूचना पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और ईकाइयों का ध्वस्तीकरण कार्य तेजी से किया गया। पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया। आपको बता दे कि दोघट थाना क्षेत्र के भड़ल गांव में तकरीबन 85 ईकायों में चर्म शोधन का काम चल रहा था। उन्हें बंद कराने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता जितेन्द्र राणा ने एनजीटी में शिकायत की थी। एनजीटी के आदेश पर एसडीएम पूजा चौधरी, सीओ युवराज सिहं व प्रदुषण बोर्ड नियंत्रण मेरठ के अवर अभियांता सतेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में राजस्व व प्रदूषण बोर्ड की टीम के साथ भारी पुलिस बल भड़ल गांव में चर्म शोधन ईकायों को हटवाने पहुंचे। जहां पर जेसीबी से ईकायों को ध्वस्त करने का काम शुरू किया तो लोगों ने इसका विरोध कर दिया। विरोध करने पर पुलिस ने बल प्रयोग किया। इस पर लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। लोगों ने पुलिस व प्रशासन की टीम पर पथराव कर दिया।जिसमें कई पुलिस कर्मी चोटिल हो गए। लोगों का आक्रोश देखकर टीम को पीछे हटना पड़ा। सूचना पर कई थानों की फोर्स व पीएसी मौके पर पहुंची । पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया। भारी पुलिस बल के साथ दोबारा से चर्म शोधन ईकायों के ध्वस्तीकरण कार्य शुरू हुआ। देर शाम तक यहा पर बनी सभी 85 ईकायों को ध्वस्त कर दिया गया। दोबारा काम करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
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