उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता नजर आ रहा है। आपको बता दें यहां स्कूलों में गेट बंद है। बच्चे गेट के बाहर अध्यापकों का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल आप यह जो तस्वीर देख रहे हैं। यह यूपी के जनपद बुलंदशहर के पहासू ब्लाक खंड के बदरखा सीरवास के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बदरखा की है। जहां स्कूलों का सरकार के द्वारा खुलने का समय 8:00 बजे निर्धारित किया गया है। लेकिन बच्चे स्कूल में पहले पहुंच जाते हैं,और स्कूल के गेट पर बैठकर और खड़े होकर अपने अध्यापकों का आने का इंतजार करते हैं। आख़िर राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बदरखा की हालत बद से बदतर बनी हुई है। जबकि गेट पर खड़े होकर बच्चे अपने अध्यापकों का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अध्यापक अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। आखिर ऐसे लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ उच्च अधिकारियों द्वारा कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। वहीं जब स्कूल के गेट पर बैठे ग्रामीण व्यक्ति से पूछा गया कि आखिर स्कूल मैं अध्यापक क्यों नहीं आए हैं। तो ग्रामीण ने बताया यह आज का काम नया नहीं है अध्यापक रोज देरी से ही आते हैं। बच्चे यहां आकर अध्यापकों का इंतजार करते हैं। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन जमीनी हकीकत की बात करें तो जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखाई देती है। बता दें कि जनपद बुलंदशहर के स्कूलों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के मंसूबों पर पलीता लगाया जा रहा है। आखिर उच्च अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं। यह एक अपने आप में बड़ा सवाल है। आप खुद भी अंदाजा लगा सकते हैं की स्कूल के गेट पर बच्चे खड़े होकर इंतजार कर रहे हैं और अध्यापक स्कूल की चाबी को ले जाकर आराम से घर पर बैठे हैं।आखिर कब समय से स्कूल खुलेगा और कब बच्चे पढ़ेंगे यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। बताते चलें कि गेट पर खड़े बच्चों ने स्कूलों की पोल खोल दी। स्कूलों की दास्तान बच्चों ने बताया हम स्कूल के गेट पर खड़े होकर अपने अध्यापकों का इंतजार कर रहे हैं।
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