खबर यूपी के जनपद चंदौली से हैं। जहां जिलाधिकारी संजीव सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया गया है। बता दें कि न्यायाधीश ने जिलाधिकारी संजीव सिंह को 29 अप्रैल को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है। साथ है बताते चलें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायाधीश सरल श्रीवास्तव ने चिंता देवी जो कि सैयद राजा थाना क्षेत्र के बरंगा गांव की निवासी हैं, की ओर से दाखिल अवमानना याचिका (सिविल) की सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी चंदौली संजीव सिंह को जमानतीय वारंट जारी किया। साथ ही न्यायधीश ने जिलाधिकारी को 29 अप्रैल को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
दरअसल ये पूरा मामला सैयदराजा थाना क्षेत्र के बरंगा गांव का हैं जहां का निवासी राजनाथ कुमार मार्च 2019 में नदी पुलिया के पास सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके पुत्र सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि ट्रामा सेंटर में उपचार के दौरान उनके पिता की मौत हो गई। बता दें कि राजनाथ खेती किसानी कर अपने परिवार का पेट पालते थे। वहीं पति की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी चिंता देवी की ओर से मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत मुआवजे के लिए आवेदन किया गया। उनके पुत्र ने बताया कि सभी कागजी कार्रवाई पूर्ण करने के बाद भी लखनऊ से आए अधिकारियों ने मुआवजे की प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। जिसके बाद चिंता देवी ने अधिवक्ता निलेश कुमार मिश्रा के जरिए हाई कोर्ट इलाहाबाद में याचिका दाखिल की। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 2 जजों की बेंच ने 23 सितंबर 2021 को चिंता देवी को जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी के समक्ष मुआवाजे संबंधित प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने को कहा था। साथ ही दो सदस्यीय बेंच ने जिलाधिकारी को 6 सप्ताह के भीतर मामले की सुनवाई करते हुए उसके निस्तारण का आदेश भी दिया था। अधिवक्ता की ओर से जिला अधिकारी चंदौली को 4 अक्टूबर 2021 को हाईकोर्ट के आदेश की प्रति के साथ प्रार्थना पत्र भेज दिया। लेकिन निर्धारित समय अवधि बीत जाने के बाद भी प्रार्थना पत्र पर कोई निर्णय नहीं आया। जिसके बाद गैर जमानती वारंट जारी होने से आहत होकर चिंता देवी की ओर से अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सरल श्रीवास्तव ने 9 फरवरी 2022 को जिलाधिकारी को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि आखिर उनके खिलाफ न्यायालय में अवमानना की कार्यवाही क्यों न की जाए। उन्हें सात अप्रैल को कोर्ट के समक्ष हाजिर होकर कारण बताने को कहा गया था।
अवमानना याचिका में 7 अप्रैल को जिला अधिकारी संजीव सिंह द्वारा कोर्ट के समक्ष हाजिर न होने पर न्यायाधीश ने संजीव सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए। अब 29 अप्रैल को न्यायालय के समक्ष हाजिर होने के लिए कहा है।
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