अनैतिक कार्यों का विरोध करने पर बार से निष्कासित - सुशील चन्द

अधिवक्ता सुशील चंद्र साहनी राष्ट्रीय अध्यक्ष निषाद युवा वाहिनी ने प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि बार एसोशिएशन सिविल अध्यक्ष भानू प्रताप पाण्डेय ने हमको रंजिशन हमारी छवि व प्रतिष्ठा व व्यवसायिक प्रतिष्ठा को धुमिल करने के उद्देश्य से अधिवक्ता विरोधी कार्यों में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए हमको 23 नवंबर 2024 को बार एसोशिएशन सिविल कोर्ट गोरखपुर की सदस्यता को मानमाने तरीके से अस्थायी तौर पर निलम्बित करने का आदेश करते हुए, स्पष्टीकरण हेतु प्रार्थी के कार्यालय पर एक नोटिस दिनांकित 23 नवम्बर 2024 को बार गोरखपुर 556/2024 रिसिव कराया गया। जब हमने 25 नवंबर 2024 को बार एसोशिएशन सिविल अध्यक्ष भानू प्रताप पाण्डेय व मंत्री गिरिजेश मणि त्रिपाठी से लिखित रूप में यह जवाब जानना चाहा कि अधिवक्ता विरोधी कौन-सा कार्य हमारे द्वारा किया है। कौन-सा प्रमाण उनके पास मौजूद है। साधारण सभा की बैठक में सिविल कोर्ट परिसर में मौजूद होने के बावजूद भी महको बार-सभागार में साधारण सभा की बैठक में क्यो नही बुलाया गया। इस पर अभी तक कोई भी जवाब उनके द्वारा नही दिया गया। सारे अधिवक्ता विरोधीकार्य अध्यक्ष भानू प्रताप पाण्डेय द्वारा स्वयं किया जाता है। अधिवक्ता अब्दुल बहाक के मामले में अधिवक्ता जावेद अहमद के जमीन के मामले में अधिवक्ता अशोक साहनी के मामले में अधिवक्ता दिलीप सिंह के मामले में, अधिवक्ता राकेश गिरी के मामले में, अधिवक्ता अजया नन्द सिंह के मामले में पैसा लेकर अध्यक्ष भानू प्रताप पाण्डेय पैरवी कराया है और मनमाने तौर पर कचहरी चलाना चाहते है। प्रार्थी की छवि प्रतिष्ठा को अपमानित व धुमिल करने के उद्देश्य से प्रार्थी की सदस्यता को निलम्बित करने का कार्य उनके द्वारा किया गया है। हम इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश बार काउंसिल व बार काउंसिल आफ इण्डिया को लिखित रूप से करेंगे और इसकी मनमानी का हर स्तर पर विरोध होगा।

Post a Comment

0 Comments

About us

Purvanchal tv