लगातार हो रही बारिश के बाद बाराबंकी में सरयू नदी से बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। बाराबंकी जिले में दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। लगातार नदी में पानी बढ़ने से कई गांवों के पास कटान तेज हो गई है। कटान के चलते कई जगहों पर जमीन नदी में समाने लगी है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए नदी किनारे बसे गांवों के लोग सतर्कता बरत रहे हैं। गांव में कटान को देखते हुए रामनगर से पूर्व भाजपा विधायक शरद अवस्थी ग्रामीणों के पास पहुंचे। विधायक ने यहां अधिकारियों द्वारा बाढ़ से बचाव के करवाए गए इंतजाम का हाल जाना। इस दौरान पूर्व भाजपा विधायक शरद अवस्थी ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हर साल बाढ़ से बचाव के इंतजाम किए जाते हैं लेकिन अधिकारी बंदर-बांट करते हैं जिससे हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं और लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि बाराबंकी जिले में हर साल बारिश के मौसम में सरयू नदी के किनारे तराई क्षेत्र में बसे लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान जिले की तीन तहसील रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट क्षेत्र के करीब 150 गांव प्रभावित हो जाते हैं। सड़कें व फसलेें ही नहीं आशियाने तक जलमग्न हो जाते हैं। खतरे के निशान से नदी का जलस्तर ऊपर पहुंचने पर इन ग्रामीणों को अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ती है। इस समय पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है,जिसके चलते अभी से सरयू नदी ने कटान शुरू कर दी है। नदी में दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है, जिससे कई गांव कटान के मुहाने पर आ गए हैं। 23 जून से नदी का जलस्तर बढ़ा जो 27 जून को कम पड़ने लगा था। एल्गिन ब्रिज पर खतरे का निशान है। बीते शनिवार को नदी का जलस्तर 103.886 था, जो रविवार को 104.746 पर पहुंच गया। रविवार को नदी दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़नी शुरू हुई तो प्रशासन भी अलर्ट हो गया। नदी ने कटान शुरू कर दी है। तेलवारी व गोबरहा गांव के बीच बाढ़ खंड द्वारा सीमेंट की स्टैंड के साथ मिट्टी की बोरी लगाई गई थी। वह नदी में समा गई है। तेलवारी, सनावा, कहारनपुरवा, टेपरा, गोबरहा, विहड़, भैरवकोल, सरायसुर्जन, कोठीडीहा, सिरौलीगुंग, परसा, ढेकवा, इटहुआपूर्व, बघौलीपुरवा आदि गांवों के लोग बाढ़ को लेकर दहशत में हैं। बाढ़ खंड के मैकेनिकल डिपार्टमेंट द्वारा ड्रेजिंग कर निकाली गई सिल्ट को भी नदी काट रही है। नदी की कटान को देखते हुए नदी के किनारे पर बसे लोग अपना समान बटोरना शुरू कर दिया है। आगे अगर बरसात और हुई नदी का पानी बढ़ा तो जल्द ही नदी की कटान में लोगों के बने आशियाने इसकी जद में आ सकते है। वहीं रामनगर के मड़ना, लहड़रा, लोहटी, दुर्गापुर, सिसौड़ा, गोबरहा, मीतपुर आदि गांव में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। एसडीएम सिरौलीगौसपुर विश्वमित्र सिंह ने बताया कि नदी खतरे के निशान से नीचे है। जलस्तर की निगरानी की जा रही है।बता दें कि एल्गिन ब्रिज पर नदी का जलस्तर जब 105.070 मीटर से आगे बढ़ता है तो चेतावनी जारी कर दी जाती है। जबकि खतरे का निशान 106.070 मीटर है। ऐसे में रविवार को एल्गिन ब्रिज पर नदी का जलस्तर 104.746 पर पहुंच गया था। नदी अभी खतरे के निशान से नीचे हैं। वहीं नदी से हो रही कटान को देखते हुए रामनगर से पूर्व भाजपा विधायक शरद अवस्थी ग्रामीणों के पास पहुंचे। विधायक ने यहां अधिकारियों द्वारा बाढ़ से बचाव के करवाए गए इंतजाम का हाल जाना। इस दौरान पूर्व भाजपा विधायक शरद अवस्थी ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हर साल बाढ़ से बचाव के इंतजाम किए जाते हैं,लेकिन अधिकारी बंदर-बांट करते हैं, जिससे हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं और लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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