प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित हैं यहां के लोग।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चहाते कि हर उस गरीब को आवास योजना का लाभ मिले जो झोपड़ी या कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं। जिनके पास अपनी आमदनी का इतना स्रोत नहीं कि वह अपने परिवार को पक्का मकान बना सके, लेकिन मुख्यमंत्री की इस इच्छा पर कर्मचारी पानी फेर रहे हैं। जिनकी जिम्मेदारी है कि मानक के अनुसार पात्र अपात्र का चयन करें, ऐसे कर्मचारी गांव गांव में दलाल लगा कर काम करा रहे जिनके माध्यम से उन लोगों को लाभ दे रहे,जिनसे रिश्वत के रूप में मोटी रकम मिल रही। ऐसे में गरीब झोपड़ी के लोग अब भी वंचित रह रहे और आंकड़े अपात्रों को लाभ देकर पूरे हो रहे हैं। बदायूं जनपद की ब्लाक उसावां की ग्राम पंचायत खेड़ा जलालपुर पुख्ता के दर्जनों लोग जिलाधिकारी से मिल कर शिकायत करने जा रहे,उनका कहना है कि कर्मचारी जांच को आए न की दलाल भेज कर जांच कराई जाए दलालों ने ही उन लोगों को पात्र बना दिया जो सक्षम है जिनके पास ट्रैक्टर है दो दो मंजिला मकान है। यहां तक कि मृत व्यक्ति का भी आवास स्वीकृति कर दिया। उन लोगों को भी आवास दिया जिनको पहले भी लोहिया आवास और इंद्रा आवास का लाभ मिल चुका है। शिकायत कर्ताओं का कहना है कि गांव में उच्च स्तरीय कमेटी के द्वारा पात्रता की जांच कराई जाए और मानक के अनुरूप पात्रों को लाभ दिया जाए, तथा अपात्र लोगों से रिकवरी कर झोपड़ी कच्चे मकान के पात्रों को लाभान्वित किया जाए। वहीं जब इस पूरे मामले जिम्मेदार अधिकारियों से बात करनी चाही तो वे सवालों से बचते नजर आ रहे हैं।


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