इटावा जनपद के संयुक्त चिकित्सालय जिला अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र पर आठवां स्थापना दिवस मनाया गया। 4 जनवरी 2015 को स्थापित हुआ कुपोषित बच्चों के लिए एनआरसी पोषण पुनर्वास केंद्र जहां पर लगभग एक दर्जन बच्चों के रखने की व्यवस्था है, वहां पर एक कुपोषित बच्चे पर सरकार 75 रुपए डाइट और बच्चे की मां पर 100 रुपए प्रतिदिन खर्च करती है। उस एनआरसी पर मात्र 2 बच्चे ही एडमिट हैं, जिनके बीच में आज 4 जनवरी 2023 को इसका स्थापना दिवस मनाया गया। जनपद में अब तक 8 वर्ष में मात्र 1059 बच्चे एडमिट होकर स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच चुके हैं। जबकि वर्तमान में लगभग 3 हजार कुपोषित बच्चों की संख्या मौजूद है। सरकार द्वारा कुपोषित बच्चों के लिए जिला अस्पताल में एनआरसी सेंटर पर स्टाफ भी अलग से संविदा पर लगाया गया है जिसमें न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डाइट एक्सपर्ट रसोईया स्टाफ नर्स के साथ-साथ डॉक्टर भी मौजूद रहते हैं। वह सभी लोगों की देखरेख में कुपोषित बच्चों की देखभाल की जाती है, और उनको पूर्ण स्वस्थ कर घर भेजा जाता है। जिस पर सरकार द्वारा पोषण निधि के करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं।आज पोषण पुनर्वास केंद्र पर सीएमओ डिप्टी सीएमओ सीएमएस और समस्त स्टाफ ने मिलकर स्थापना दिवस मनाया, जिस पर कुपोषित दो बच्चे जो इस सेंटर पर एडमिट थे, उनको उपहार दिए, केक काटा। जब इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी गीताराम से पूछा की जनपद में तीन हजार कुपोषित बच्चों के बीच में पोषण केंद्र पर मात्र दो ही बच्चे हैं,तो उन्होंने एडमिट ना होने के कई कारण बताते हुए कहा कि अभी 2 वर्ष से कोविड की वजह से बच्चों को एडमिट नहीं कराया जा सका था, और इसके साथ साथ परिवारों में ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी का हवाला भी दिया।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सीएचसी पीएचसी डॉक्टर्स स्टाफ, आंगनवाड़ी, आशा बहुएं सभी लोग अपने-अपने क्षेत्र में कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर एनआरसी पर एडमिट करवाते हैं, और यही लोग दिए गए मानक के आधार पर जांच कर कुपोषित बच्चों को यहां पहुंचाने का काम करते हैं। इन्हीं की जिम्मेदारी लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ बच्चों के खानपान में सुधार के लिए प्रेरित करना भी है।
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