एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के भड़काऊ बयानों की लिस्ट अब लंबी होती जा रही है। दरअसल वो पिछले तीन दिनों से निकाय चुनाव की तिथि की घोषणा से पहले ही मुरादाबाद जनपद में जनसभाएं कर रहे है। सभा में सामने बैठे मुस्लिम समाज के लोगो को कभी भाजपा का डर दिखा कर तो कभी संघ की कुछ अलग ही तस्वीर दिखाकर मुसलमानो को डराकर एआईएमआईएम के पक्ष में माहौल बना रहे हैं। अपनी जनसभाओं में मुस्लिमो के सामने दूसरी राजनीतिक पार्टियों को दुश्मन बनाकर पेश करने में लगे हुए हैं। दो दिन पहले भी शौकत अली ने तलवारों के दम पर भारत में मुगलों द्वारा 832 साल राज करने जैसे भड़काऊ बयान दिए थे, तो आज उनके फिर से कुछ भड़काऊ बयानों के वीडियो सामने आए है। जिन वीडियो में शौकत अली सामने बैठे मुस्लिम युवकों को मुरादाबाद में 1980 के दौरान हुए दंगे की तस्वीर बेहद भड़काऊ ढंग से पेश करते हुए नजर आ रहे हैं। शौकत अली मंच से कह रहे है कि मुरादाबाद के अंदर 1980 में ईद के दिन ईदगाह मैदान में गोली चलवाई गई। मुसलमानो का कत्लेआम किया गया, तब किसकी हुकूमत थी। वही 1984 में देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बाबरी मस्जिद का ताला खुलवा दिया था,तब भी फसाद हुए थे,और मेरठ के हाशिमपुरा को भूल मत जाना जहां पर 47 नोजवानों को रात के 12 बजे के बाद घरों से निकाला गया, और जो 35 साल से कम थे,उन्हें पीएसी के ट्रक में डाल कर ले गए थे,और गाजियाबाद में नहर के किनारे ले जाकर सबको गोली मार दी गई थी। वहीं शौकत अली सड़कों और मॉल में पढ़ी गई नमाज को सही ठहराते हुए भी कैमरे में कैद हुए हैं। शौकत अली ने सावन के महीने में होने वाली कावड़ यात्रा से बोलना शुरू किया, कि एक महीने तक नेशनल हाइवे बन्द रहा है, और पुलिस के अधिकारियों ने कावड़ियों के पैर दबाए हैं, उनकी मसाज की है, हमने तो कोई एतराज नही किया, लेकिन अगर हम किसी मॉल में या सड़क पर नमाज पढ़ लें, तो हंगामा खड़ा हो जाता है,और कुछ को तो हमारी अजान से भी तकलीफ हो रही है,आये दिन कोई न कोई जोकर आकर नमाज पर उंगली उठता है, एक देश मे दो कानून क्यो हैं,अगर हिन्दू सड़क जाम करके कावड़ यात्रा निकाल सकते है,तो हम सड़क पर नमाज क्यो नही पढ़ सकते हैं। बता दें कि ओवैसी की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने मंच से संघ पर भी जोरदार हमला बोला है, उन्होंने कहा है कि जिन्होंने देश के लिए कुर्बानियां नही दी, 5 बार अंग्रेजो को माफीनामा लिख कर भेजा,और जिन्होंने 50 साल तक अपने हेडक्वार्टर पर तिरँगा नही लगाया,वो लोग मुसलमानो कों गद्दार कहते है वो हमसे राष्ट्रवादी होने का प्रमाण पत्र मांगते है। दअरसल ये सभी भड़काऊ बयानबाजी के वीडियो मुरादाबाद के मुस्लिम बाहुल्य शहरी इलाके के हैं। जहाँ पर वो नगर निकाय चुनाव में अपनी पार्टी के भावी उम्मीदवार के लिए जनसभा करने पहुँचे थे।
0 Comments