जनपद आगरा के पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र के उमरैठा पुरा गांव की निवासी 10 वर्षीय कक्षा पांच की छात्रा रवीना ने बाढ़ के चलते अपनी किताब बाढ़ में बह जाने पर एक दर्द भरी दास्तान वया की है। जिसे सुनकर हर किसी के रोंगटे खड़े कर देने वाली है। बाढ़ पीड़ित छात्रा ने बताया कि हम लोग पहले से ही बहुत गरीब है। और गरीबी में पढ़ लिख कर अपने परिवार की दिशा और दशा सुधारना चाहते हैं। लेकिन पिछले 4 सालों से बाढ़ हमारा पीछा नहीं छोड़ रही। बाढ़ के चलते हम लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। पिता के पास पढ़ाने के लिए पैसे नहीं है। किसी तरह गांव के लोगों से मांग कर ली हुई किताबों से वह स्कूल पढ़ने जाती है। लेकिन अब वह किताबें भी चंबल नदी में आई बाढ़ में बह गई। अब वह अपनी आगे की पढ़ाई कैसे करेगी।
दरअसल गुरुवार को चंबल नदी में भयंकर बाढ़ आ गई थी। भयंकर बाढ़ की चपेट में आने के चलते उमरैठा पुरा गांव में बाढ़ का पानी भर गया था। आनन-फानन में ग्रामीण आशाराम केवल जरूरी सामान ही बाहर निकाल सके। जरूरी सामान के साथ ऊंचे टीलों पर चले गए। लेकिन स्कूली बच्चों के बैग घरों के अंदर ही रखे रह गए। चंबल नदी में आई भयंकर बाढ़ की चपेट में आने से आशाराम के परिवार के करीब 6 बच्चों की कॉपी,पेंसिल व किताबें बाढ़ में बह गई। कुछ बची ही किताबों को कक्षा पांच की छात्रा रवीना सुखाते हुए मिली। उसने कहा कि उसके पढ़ने लिखने के जो अरमान थे वह सब बाढ अपने साथ ले गई। अब बची हुई किताबों से ही अपनी पढ़ाई लिखाई कर भविष्य को संजोने का का प्रयास करेगी।
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