ख़बर यूपी के जनपद गोंडा से है। एक ओर जहां ग्राम पंचायतों में विकास के लिए और गांवों को शहर की तर्ज पर विकसित करने के लिए सरकार अपने खजाने से करोड़ों रुपया खर्च कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर बजट का ये पैसा कहां खर्च हो रहा है किसी को नहीं पता। दरअसल विकास खण्ड कटरा बाजार की ग्राम पंचायत महापारा का कुछ ऐसा ही हाल है। जहां पर बजट तो खर्च हुआ लेकिन काम कुछ दिखाई नहीं दे रहा। बताते चलें कि पिछले कई सालो से ग्राम पंचायत निधि का दुर्पयोग किया जा रहा है। लगातार शिकायतों के बाद भी अधिकारियों की निगाह नहीं पड़ रही,तों वही शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी डॉक्टर उज्जवल कुमार से शिकायत कर जांच की मांग की है। बता दें कि जिले के विकासखंड कटरा बाजार अंतर्गत ग्राम पंचायत महापारा में तालाब खुदाई , इंटरलॉकिंग, स्ट्रीट लाइट, मेढ़बंधी और अन्य योजनाओं में भ्रष्ट्राचार किया गया है। जिसकी जांच होना अति आवश्यक है। वहीं शिकायतकर्ता ने बताया कि वह गांव का आम नागरिक है उसे अपने खेतों की मेढ़बंदी व समतलीकरण कराना था। इसी सिलसिले में जब वह ब्लॉक पहुंचा तो जानकारी हुई कि इसके खेत के साथ साथ गांव के कई लोगों का मेडबंदी समतलीकरण हो चुका है। जिसका पैसा भी निकल चुका है। इस बारे में जब शिकायतकर्ता ने गहनता से पता किया तो पता चला कि गांव में विकास कार्य में नाम पर कई योजनाओं में लाखों का बजट निकल चुका है। लेकिन अभी तक कोई कार्य जमीन पर नहीं हुआ। शिकायतकर्ता ने पहले ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया लेकिन ब्लॉक स्तर के अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में नहीं लिया। जिसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय में इसकी शिकायत की गई है। शिकायती पत्र में गौ आश्रय केंद्र निर्माण कार्य घपलेबाजी और दर्जनों स्ट्रीट लाइट का पैसा निकाल लेने के साथ काली रोड पर इंटरलॉकिंग दिखाकर सरकारी धन के गबन की बात कही गई है। भ्रष्ट्राचार का आरोप ग्राम प्रधान व ब्लॉक स्तर के अधिकारियों पर लगाए गए है।बरहाल आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही उजागर होगा, लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए जितना बजट ग्राम पंचायतों को दिया जा रहा जिसके चलते विभाग की मिली भगत से भ्रष्ट्राचार का स्तर बढ़ता जा रहा है। कागजों में विकास दिखाकर लाखों-करोड़ों का गबन हो रहा है। आपको बता दे विकास खण्ड कटरा बाजार वही ब्लॉक है। जहाँ पर प्रदेश का सबसे बड़ा मनरेगा घोटाला हुआ था। यहां से लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहते हैं।
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