सालो से बह रही करिश्माई जल धारा,आस्था से जोड़ रहें स्थानीय लोग।

यूपी का हमीरपुर ज़िला जो दशकों से जल संकट से जूझता चला आ रहा है। और इस बार भी अभी तक बारिश ना होने से सूखे जैसे हालात हैं। ऐसे में बेतवा नदी से 25 फीट उंचाई पर एक गुफा जैसे दिखने वाले टीले से पानी की जलधारा बह निकली है। जो लोगो की माने तो  लगातार चल रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह जल धरा कई साल से बह रही है। जिसे स्थानीय लोग आस्था से जोड़ कर देख रहे हैं और इसे एक महात्मा द्वारा तपस्या किए जाने से पानी निकलना बता रहे हैं।दरअसल यह पूरा मामला हमीरपुर ज़िले में ललपुरा थाना क्षेत्र के पौथिया गाँव के बाहर बेतवा नदी के किनारे का है। यहाँ बेतवा नदी से 25 से 30 फिट की उंचाई पर एक मिट्टी के टीले से जल धरा बह निकली है। शीशे की तरह साफ़ दिख रहा पानी कहाँ से आ रहा है। इसको देखिये के लिए दुर्गम रास्तों से जब पानी के श्रोत तक पहुंचे तो यहाँ काफी लोग दिखाई दिए जो पेड़ों की जटाओं के ज़रिये टीले में बनी गुफा में प्रवेश करते दिखे। जहाँ गुफा के अन्दर इतनी जगह थी की वहां 15 लोग खड़े हो सकते थे। और पानी आने के रास्ते की तरफ देखा गया तो वहीँ रौशनी भी आती दिखाई दी जैसे वह टीले के पीछे की हो। तो वहीँ गुफा के अन्दर के हालात देखने पर अंदाजा लगा जैसे यह पुरानी गुफा है। यहाँ सापों की केंचुली भी देखने को मिली जो किसी बड़े सांप की लग रही थी। वहीं गुफा के अन्दर लोग पूजा पाठ करते दिखाई दिए। जिनसे बात करने पर वहां मौजूद लोगों ने इसे अपने अपने अंदाज़ में बताते हुए इसे कुदरत का करिश्मा बताया। स्थानीय निवासी ने बताया की संत ध्यानीदास बाबा जो अब समाधी ले चुके हैं। उन्होंने यहाँ बरसों तपस्या की थी तब से ही यहाँ से पानी बह रहा है। तो वहीँ मौके पर मौजूद शिव बहादुर वा हिमांशू सिंह ने बताया की जी यह पाताली गंगा है जिसके पानी पीने या इससे नहाने से बहुत से बीमारियाँ दूर हो जाती है। 
बता दे कि मिटटी के टीले में बनी गुफा के रास्ते पानी कहाँ से आ रहा है। इसपर रिसर्च करने की आवश्यकता है। लेकिन एक बात तो साफ़ है की 25 फिट नीचे से बह रही बेतवा नदी का इससे कोई लेना देना नहीं है। और ना ही आस पास कहीं कोई टयूबवेल ही दिखाई दिया है। जबकि 25 से 30 फीट की दूरी पर एक नहर भी दिखाई दी लेकिन वह सूखी पड़ी थी।

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