उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज न करने के चलते निलंबित किए गए सीओ और इंस्पेक्टर पर मुकदमा दर्ज किया गया। दरअसल रामपुर में करीब 1 साल पहले दुष्कर्म का मुकदमा न लिखने के चलते वहां के सीओ और पूर्व इंस्पेक्टर सिविल लाइंस पर धारा 166 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा मुरादाबाद सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराया है। आपको बता दें कि सिविल लाइन क्षेत्र की एक महिला थाना गंज क्षेत्र के विवेकानंद हॉस्पिटल में काम करते थी। साल 2021 में अप्रैल के महीने में महिला ने सिविल लाइंस कोतवाली में थाना गंज इंस्पेक्टर रामवीर सिंह यादव और अस्पताल संचालक विनोद यादव और दो अन्य के खिलाफ तहरीर दी थी।
जानकारी के मुताबिक पीड़ित महिला की तहरीर में आरोप लगाया था। कि अस्पताल के संचालक विनोद यादव और थाना गंज इंस्पेक्टर रामवीर सिंह यादव ने उसे अस्पताल में बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। वही पीड़ित महिला के विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की जिससे उसके 4 दांत टूट गए। बताते चलें कि आरोपियों ने अस्पताल में लगे कैमरों की वीडियो फुटेज भी नष्ट कर दी थी। यही नहीं आरोपी ने महिला को मारने की नियत से दो अन्य व्यक्तियों के हवाले भी कर दिया था। लेकिन इसी दौरान रास्ते में डायल 112 पुलिस आते देख दोनों आरोपी महिला को रास्ते में फेंक कर फरार हो गए थे।
गौरतलब है कि थाना सिविल लाइंस में पीड़िता की तहरीर देने के बावजूद भी पुलिस ने पीड़िता की एफ आई आर दर्ज नहीं की। जिसके बाद इस मामले में पीड़िता ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में आत्मदाह करने की धमकी का एक वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। जिस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने सात महीने बाद नवंबर 2021 में पीड़िता का मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी थी। वही इसकी जांच मुरादाबाद महिला थाना प्रभारी को दी गई थी। साथ ही इसमें संलिप्त उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारियों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल एसआईटी का गठन भी किया गया था। एसआईटी की जांच में तत्कालीन सिविल लाइन इंस्पेक्टर दुर्गा सिंह और सीओ विद्या किशोर शर्मा दोषी पाए गए जिसके बाद एसआईटी टीम ने दोनों के खिलाफ थाना सिविल लाइंस में धारा 166 ए के तहत मामला दर्ज कराया है। वहीं इस पूरे मामले में आरोपी थाना गज स्पेक्टर रामवीर सिंह यादव आज तक फरार है। जबकि अस्पताल संचालक विनोद यादव वह दो सहयोगी गिरफ्तार हो चुके हैं शुरुआत में निलंबित गंज थाना इंस्पेक्टर ने अग्रिम जमानत लेने की कोशिश की थी। जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया था। साथ ही आपको यह भी बता दें कि पुलिस आरोपी निलंबित थाना गंज के पूर्व इंस्पेक्टर की तलाश कर रही है।
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