राम नगरी अयोध्या में आज से चौरासी कोसी परिक्रमा का आगाज

खबर उत्तर प्रदेश की अयोध्या जनपद से है। जहां ऐतिहासिक और प्राचीन 84 कोसी परिक्रमा को लेकर तेजी से तैयारियां शुरू हो गइ हैं।अयोध्या में देश की सबसे बड़ी परिक्रमा करने के लिए रामनगरी अयोध्या से दो गुटों में 1000 से अधिक की संख्या में साधु संत मखोड़ा धाम रवाना हुए। आपको बता दें आज अयोध्या के विश्व हिंदू परिषद के कार्यशाला कारसेवक पुरम से 500 से ज्यादा साधु-संतों का जत्था 84 कोसी परिक्रमा के लिए रवाना हुआ। अयोध्या की सरयू तट पर पूजन अर्चन के बाद मखधाम ( मखौड़ा) के लिए रवाना हुए। तो वहीं कल सुबह आषाढ़ की प्रतिपदा के मौके पर चौरासी कोस की परिक्रमा मखौड़ा धाम से शुरू होगी। बताते चलें कि चौरासी कोस परिक्रमा 5 जिलों से होकर गुजरेगी जिसमें बस्ती में 50 किलोमीटर, अंबेडकरनगर में 6 किलोमीटर, अयोध्या धाम में 100 किलोमीटर, बाराबंकी में 16 किलोमीटर, और गोंडा में 80 किलोमीटर, 252 किलोमीटर, लंबी यात्रा इन 22 दिनों तक चलेगी। दरअसल पिछले 2 वर्षों से यह यात्रा कोरोना काल के का कारण स्थगित रही। वही इस वर्ष धूमधाम के साथ यात्रा निकाली जा रही है।
आपको बता दें भगवान राम की नगरी की तीन परिक्रमा मुख्यतः शास्त्रों में वर्णित है। जिसमें कार्तिक शुक्ल की एकादशी को 14 कोस की परिक्रमा की जाती है।साथ ही कार्तिक शुक्ल की नवमी को पंचकोसी परिक्रमा होती आ रही है। इसी तरह चैत्र मास में चौरासी कोस परिक्रमा की मान्यता है। 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा रामनगरी की परिधि में किया जाता है। तो वहीं चौरासी कोस की परिक्रमा मखौड़ा धाम से शुरू होती है। जो कि 5 जिलों का सफर तय करने के बाद पूरी होती है आपको बता दें वही 84 कोसी की परिक्रमा करने वाले साधु संतों को पहले तो बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। क्योंकि चौरासी कोस परिक्रमा का जो मार्ग था वह बहुत ही उबड़-खाबड़ था। लेकिन अब केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने 84 कोस परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया। चौरासी कोस की परिक्रमा मार्ग पर विकास कार्य तेजी से चल रहा है। तो वहीं अब साधु संतों को चौरासी कोस परिक्रमा करने में किसी भी तरह की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा वही आपको बता दें कि अयोध्या में हनुमान मंडल अयोध्या धाम चौरासी कोस परिक्रमा धर्मार्थ सेवा संस्थान द्वारा यात्रा निकाली जाती है। अवध धाम हनुमान मंडल के समिति द्वारा चौरासी कोस परिक्रमा करने वाले साधु संत का 500 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुका है। तो वही लगभग 500 व्यक्ति इंतजार में है। साथ ही बता की जिन लोगों को 22 दिन की चौरासी कोस परिक्रमा के लिए चयनित किया गया है। विश्व हिंदू परिषद के तत्वाधान में निकाली गई है। वही 84 कोसी परिक्रमा के प्रमुख सुरेंद्र सिंह ने बताया कि 84 कोसी परिक्रमा में जाने के लिए 500 से ज्यादा व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन हो गया है। यहां आज से यात्रा निकल रही है। यहां से यात्रा सीधे मखौड़ा धाम जाएगी। प्रतिपदा के दिन वहां से पदयात्रा के रूप में रामरेखा हनुमान बाग श्रृंगी ऋषि महादेवा घाट गोसाईगंज, तारुन, सीता कुंड खेमा सराय होते हुए हनुमान मंदिर पटरंगा राजापुर तुलसी धाम की जन्मभूमि होते हुए फिर आगे परिक्रमा मखौड़ा धाम में ही पूर्ण होती है। वही परिक्रमा संचालक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि 84 कोसी परिक्रमा 22 दिन की यात्रा है हम लोग 22 दिन में इसे पूरा करेंगे पहले दिन 18 किलोमीटर की यात्रा होती है। आगे प्रत्येक दिन 12 से 13 किलोमीटर की यात्रा होती है।84 बता दें की कोसी परिक्रमा में सब मिलाकर 44 पड़ाव होते हैं।सभी पड़ाव पर वहां के कार्यकर्ता के द्वारा वहां के क्षेत्रीय जनता के द्वारा रहने खाने की व्यवस्था संपूर्ण रूप से की गई है।हम सभी लोगों का उनकी व्यवस्था में सहयोग करते हैं।
आपको बता दें कि विश्व हिंदू परिषद के मुख्यालय कारसेवक पुरम से हनुमान मंडल के संयोजन में सैकड़ों की संख्या में साधु संतों को अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने संतों का स्वागत कर रवाना किया। तो वही दूसरा गुट धर्मार्थ सेवा संस्थान के द्वारा बड़ी संख्या में साधु संत भी भगवान के भजन कीर्तन करते हुए रवाना हुए। यह दो अलग-अलग स्थानों से निकले हजारों की संख्या में संत भगवान श्री राम के जयकारे लगाते हुए मखौड़ा धाम के लिए रवाना हुए हैं। जहां से कल सुबह सभी संत विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चन के बाद इस यात्रा को प्रारंभ करेंगे। 23 दिन की इस यात्रा में पांच जनपद बस्ती अंबेडकर नगर अयोध्या बाराबंकी व गोंडा के लगभग 110 गांव से होते हुए अयोध्या समाप्त होगा।जिसके बाद यह यात्रा सरयू तट पर 1 दिन के विश्राम के पश्चात प्राचीन स्थली सीता कुंंड पर इस यात्रा का समापन होगा।

Post a Comment

0 Comments

About us

Purvanchal tv